Bhutadi Amavasya 2022: भूतड़ी अमावस्या पर उज्जैन की शिप्रा नदी में लगी आस्था की डुबकी, जानिए क्या है महत्व?
Bhutadi Amavasya 2022: भूतड़ी अमावस्या के स्नान का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. आत्माओं की तृप्ति के लिए श्रद्धालुओं ने आज उज्जैन की पवित्र शिप्रा नदी में डुबकी लगाई.
Bhutadi Amavasya 2022: भूतड़ी अमावस्या पर आत्माओं की तृप्ति के लिए श्रद्धालुओं ने आज पवित्र शिप्रा नदी में डुबकी लगाई. उज्जैन में रामघाट, सिद्धवट घाट और बावन कुंड पर स्नान करने के लिए देशभर के श्रद्धालु पहुंचते हैं. भूतड़ी अमावस्या के स्नान का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने घाटों पर पहुंचकर पूजा अर्चना और तर्पण किया. मान्यता है कि भूतड़ी अमावस्या पर स्नान करने से प्रेत बाधा और विपदा दूर होने के साथ मनवांछित फल की प्राप्ति भी होती है.
भूतड़ी अमावस्या के स्नान का है विशेष महत्व
रामघाट के पंडित अमर गुरु डिब्बावाला ने बताया कि भूतड़ी अमावस्या विशेष रूप से अतृप्त आत्माओं की तृप्ति के लिए होती है. आज के दिन श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान करने के बाद दान धर्म करते हैं. कहा जाता है कि पितरों के निमित्त तर्पण करने से भी सुख शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. भूतड़ी अमावस्या प्रेत बाधाओं को दूर करने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. धार्मिक नगरी उज्जैन में सिद्ध नगरी होने की वजह से देशभर के श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते हैं.
बावन कुंड में डुबकी लगाने से पूजा होती है सफल
कालियादेह महल इलाके में शिप्रा नदी के तट पर बावन कुंड स्थापित है. इलाके में भूतड़ी अमावस्या पर मेला लगता है. अतृप्त आत्मा को प्राप्त करने के लिए बावन कुंड में डुबकी लगाने से पूजा सफल मानी जाती है. इसके अलावा प्रेत बाधा दूर करने के लिए भी बावन कुंड प्रसिद्ध है. बावन कुंड में भूतड़ी अमावस्या पर देश भर के तांत्रिक क्रिया करने पहुंचते हैं.