Navratri 2023: जेल में हर तीसरा कुख्यात बदमाश माता की भक्ति में डूबा! भोजन से ज्यादा बन रहा फलाहार
Ujjain News: डिप्टी जेलर ने बताया कि जेल में बंद साधारण अपराधी ही नहीं बल्कि कुख्यात अपराधी भी माता के भक्त हैं. भक्ति में डूबे कई अपराधी खुद को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और पश्चाताप करने के लिए व्रत रखते हैं.
MP News: नवरात्रि के दौरान जेल में भी माता की भक्ति करने वालों की कमी नहीं है. जेल में बंद हर तीसरा बदमाश माता की आराधना में डूबा हुआ है. आलम यह है कि जेल में वर्तमान समय में दाल-रोटी से ज्यादा फलाहार की डिमांड बढ़ गई है. जेल में दूध, फल, मूंगफली के दाने, आलू बड़ी मात्रा में जा रहे हैं.
उज्जैन की केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में 2341 बंदी हैं. जेल के डिप्टी जेलर सुरेश गोयल के मुताबिक वर्तमान में 519 बंदियों ने व्रत रखने की जानकारी दी थी, जिसके चलते जेल प्रशासन ने उनके लिए अलग से इंतजाम किए हैं. केंद्रीय जेल भेरूगढ़ में सभी त्योहारों में बंदियों की सहभागिता रहती है. ऐसी स्थिति में जेल प्रशासन की ओर से हर संभव प्रयास किए जाते हैं.
जेल के अंदर माता के मंदिर में होती है पूजा
डिप्टी जेलर के मुताबिक, वर्तमान में केंद्रीय जेल भेरूगढ़ में बंदियों को मूंगफली के दाने, गुड़, साबूदाने की खिचड़ी, फल आदि दिया जा रहा है. जेल के अंदर पद्मावती माता मंदिर के दर्शन करने और पूजा अर्चना करने के लिए भी बंदियों का आवागमन होता है. वे निर्धारित समय में माता की आराधना भी करते हैं.
कई कुख्यात बदमाश माता के भक्त
डिप्टी जेलर सुरेश गोयल ने बताया कि जेल में बंद केवल साधारण अपराधी ही नहीं बल्कि कई कुख्यात अपराधी भी माता के अनन्य भक्त हैं. माता की भक्ति में डूबे कई कुख्यात अपराधी खुद को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और पश्चाताप करने के चलते व्रत रखते हैं. उन्होंने बताया कि कुख्यात अपराधी तुषार पर 3 हत्याओं का आरोप है. वह भी उपवास रख रहा है.
इसके अलावा, लूट की हैरतअंगेज वारदातों में शामिल खुशवंत नामक बदमाश भी माता की उपासना कर रहा है. उसने भी जेल में रहते छोटी और बड़ी दोनों नवरात्रि में माता की आराधना की है.
जेल मैनुअल के अनुसार मिलता है समय
जेल में बंद आरोपियों को जेल मैनुअल के अनुसार भोजन करने फलाहार करने के साथ-साथ प्रार्थना करने के लिए अलग से समय मिलता है. वर्तमान समय में उपवास रखने वाले बंदियों को चाय, फल, मूंगफली के दाने आदि स्वल्पाहार के रूप में दिए जा रहे हैं. इंदौर जेल अधीक्षक अलका सोनकर के मुताबिक वर्तमान में जेल सजा नहीं बल्कि सुधार गृह के रूप में कार्य कर रही है, इसलिए समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अपराधियों को भी मौका मिल रहा है.