Ujjain Crime News: सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाई गई जीपीएफ की पूरी व्यवस्था पर जेल के दो सिपाहियों ने ही सवाल खड़ा कर दिया. दोनों सिपाहियों ने जेल विभाग के कर्मचारियों के जीपीएफ की लगभग 10 करोड़ रुपये की राशि अपने खाते में जमा करवा ली. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है. 


उज्जैन की केंद्रीय जेल भेरूगढ़ में कर्मचारियों की जीपीएफ की राशि की गड़बड़ी का मामला सामने आ चुका है. इस मामले में भैरवगढ़ थाना पुलिस ने जेल प्रहरी और लेखा शाखा में काम करने वाले रिपुदमन रघुवंशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इसके बाद जब जांच आगे बढ़ी तो इस मामले में एक और जेल प्रहरी शैलेंद्र सिकवार को आरोपी बनाया गया.


भैरवगढ़ थाना प्रभारी प्रवीण पाठक ने बताया कि अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक रिपुदमन के खाते से 7 करोड़ 10 लाख रुपये से ज्यादा की राशि ट्रांसफर हुई. वहीं जेल प्रहरी शैलेंद्र के खाते में भी 3 करोड़ रुपये के लगभग राशि ट्रांसफर की गई. खातों की जांच के दौरान आरोपी शैलेंद्र सिंह सिकरवार का नाम भी एफआईआर दर्ज किया गया. पुलिस के मुताबिक जांच के बाद और भी नाम बढ़ सकते हैं. जेल प्रहरी रिपुदमन के साथ-साथ शैलेंद्र भी परिवार सहित अभी फरार हैं. आरोपियों द्वारा लगभग 13 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई.


दोषियों को लेकर गृहमंत्री ने दिया बयान


गृह और जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा गुरुवार को उज्जैन में ही थे. उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि अभी एक और आरोपी का नाम एफआईआर में दर्ज हो गया है. मंत्री नरोत्तम मिश्रा के अनुसार इस मामले में दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा. वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जल्द ही इनाम भी घोषित हो सकता है. आरोपियों की तलाश में पुलिस उनके रिश्तेदारों के यहां छापामार कार्रवाई कर रही है. 


रातों-रात करोड़पति बनने का सपना


जेल अधीक्षक उषा राज के मुताबिक मुख्य आरोपी रिपुदमन को उसके पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. आरोपी रिपुदमन लेखा शाखा का काम संभालते हुए बड़े ही शातिराना अंदाज में अन्य कर्मचारियों की जीपीएफ की राशि अपने खाते में जमा करा ली. सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि जिन कर्मचारियों के खाते में 5 लाख रुपये जमा थे, उनके खाते से 25 लाख रुपये निकाल लिए गए.


इस प्रकार उनका खाता वर्तमान में 20 लाख रुपये माइनस में बता रहा है. आरोपी रिपुदमन जब राशि ट्रांसफर के दौरान ओटीपी के लिए मोबाइल नंबर लिखे जाने की बारी आती थी तो वह लैंडलाइन नंबर लिखकर पूरी व्यवस्था को धता बता देता था. इसके अलावा आरोपी ने और भी कई लूप होल का बखूबी फायदा उठाया.


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