Ujjain News Today: मध्य प्रदेश के उज्जैन से साइबर ठगी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां आपत्तिजनक वीडियो के मामले में डिजिटल अरेस्टिंग का डर दिखाकर कर दो करोड़ 50 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है. 


इस घटना की पीड़ित ने माधव नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद आगे की जांच शुरू कर दी है. उज्जैन में यह डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर ठगी का दूसरा बड़ा मामला है.


माधव नगर पुलिस स्टेशन से मिली जानकारी के मुताबिक, उज्जैन के मंगल नगर इलाके में रहने वाले रवींद्र कुलकर्णी के पास 10 सितंबर को फोन आया था. इस फोन ने उनके जीवन भर की पूंजी लूट ली. फोन करने वाले ने खुद को मुंबई के अंधेरी थाने का इंस्पेक्टर बताया था. 


पीड़ित ने फ्रॉड का किया खुलासा
पीड़ित के मुताबिक, कॉल करने वाले ने खुद का नाम हेमराज कोली बताते हुए वीडियो कॉल के जरिए बातचीत भी की. रविंद्र कुलकर्णी ने पुलिस को बताया कि हेमराज ने डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर उनसे रुपयों की मांग की. उन पर यह आरोप लगाया कि वे आपत्तिजनक वीडियो के मामले में वांटेड हैं. 


इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी उनके खिलाफ मुंबई के अंधेरी थाने में दर्ज हुआ है. इस बात से घबराकर रविंद्र कुलकर्णी ने अपनी पत्नी अनामिका कुलकर्णी के खाते से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हुए 2 करोड़ 50 लाख रुपये से ज्यादा की राशि कथित पुलिस कर्मियों द्वारा बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दी. 


इसका खुलासा तब हुआ जब निलेश कुलकर्णी ने परिवार के सदस्यों को घटना की जानकारी दी, तब पूरे मामले का पटाक्षेप हुआ. बाद में उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है. इसके बाद में वह आनन फानन में थाने पहुंचे और उनके साथ हुई ठगी की वारदात की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. 


पुलिस ने क्या कहा?
माधव नगर थाना सीएसपी दीपिका शिंदे ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी गई है. साइबर टीम की मदद से पूरे मामले में जांच की जा रही है. उज्जैन में इस प्रकार की जालसाजी का यह दूसरा बड़ा मामला है. 


पीड़ित ने पुलिस को बताया कि आपत्तिजनक वीडियो के मामले में नाम आने की वजह से उन्होंने यह बात किसी को नहीं बताई. जब खाते से राशि ट्रांसफर होने की जानकारी परिजनों को लगी तब जाकर इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है.


उज्जैन एसपी ने की ये अपील
उज्जैन पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि वे इस प्रकार के जालसाजों से सावधान रहें. उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल पर अनजान लिंक को को क्लिक न करें. 


पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने कहा, "अगर कोई डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर गिरफ्तारी की बात करे तो तुरंत संबंधित पुलिस थाने को सूचित करें. इसके अलावा किसी भी अनजान व्यक्ति के खाते में डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर राशि ट्रांसफर ना करें."