Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी के लिए सड़कें चौड़ी की गईं थीं लेकिन पिछले 5 सालों में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं ने सभी को चौंका दिया है. खास बात यह है कि मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है. राज्य सड़क सुरक्षा नीति लागू नहीं होना भी इसका एक कारण बताया जा रहा है. उज्जैन संभाग (Ujjain division) के अधिकांश जिलों में एक न एक प्रमुख मार्ग फोरलेन से जुड़ा हुआ है. सबसे हैरत में डालने वाली बात यह है कि इन फोरलेन पर सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
उज्जैन संभाग में पिछले 15 दिनों में सड़क दुर्घटना में 30 लोगों की मौत हो चुकी है. इस प्रकार 15 दिन में प्रतिदिन दो या दो से अधिक लोगों की केवल दुर्घटना में मौत हुई है. यह आंकड़ा यातायात व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर रहा है.
अधिकारी ने क्या बताया
आरटीओ संतोष मालवीय के मुताबिक लगातार फिटनेस और वाहनों के कंडीशन की जांच की जा रही है. आमतौर पर सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारण खस्ताहाल वाहन भी माने जाते हैं. वाहन पर सही नियंत्रण नहीं होने की वजह से दुर्घटना हो जाती है. इसके अलावा गति भी प्रमुख कारण है. डीएसपी सुरेंद्र सिंह राठौर के मुताबिक वाहनों की गति नियंत्रण करने के लिए पुलिस लगातार चालान करने की कार्रवाई कर रही है. इसके अलावा मशीनों से भी वाहन की गति मापी जा रही है.
बढ़ा मौत का आंकड़ा
साल 2017 में 1832 दुर्घटना के मामले सामने आए थे, इनमें 2001 लोग घायल हुए थे जबकि 246 लोगों की मौत हो गई थी. इसी तरह साल 2018 में 266 लोगों की दुर्घटना में मौत हो चुकी है. इस प्रकार 2019 में 246, 2020 में 238, 2021 में 271 लोगों की दुर्घटना में मौत हो गई थी. फोरलेन बनने के बाद मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. दुर्घटना में भी बढ़ोतरी हुई है.
यह कारण भी जिम्मेदार
वाहन चालकों के बीच जागरूकता नहीं होने और यातायात के नियमों का पालन नहीं करने की वजह से भी दुर्घटनाएं बढ़ी है. सड़कों पर अंधे मोड़ और ब्लैक स्पॉट के कारण सड़क दुर्घटना और मौत का आंकड़ा बढ़ा है. पुलिस की स्वार्थी प्रवृत्ति के कारण चालान करने की कार्रवाई में देरी की वजह से भी सड़क हादसे दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. यातायात नियमों के पालन में लापरवाही दुर्घटना का प्रमुख कारण है.
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