Ujjain Doctor News: सावधानी हटी दुर्घटना घटी जैसी कहावत कोरोना संक्रमण के मामले में भी सटीक बैठती है. अगर कोरोना संक्रमण से बचना है तो सावधान रहना जरुरी है. सावधानी बरतने पर कोरोना छू भी नहीं सकता. उज्जैन के कोविड अस्पताल में ऐसा मामला सामने आया है. 690 दिन तक कोरोना मरीजों के बीच रहकर भी एक डॉक्टर पॉजिटिव नहीं हुए. कोविड अस्पताल में तैनात डॉक्टर रौनक एलची लगातार 690 दिन से सेवाएं दे रहे हैं. उन्हें इस बात का गर्व है कि दवाओं से इस दौरान हजारों की संख्या में मरीज ठीक हुए हैं.


कोविड अस्पताल में तैनात डॉक्टर ने पेश की मिसाल


संक्रमित मरीजों का इलाज करते समय कई बार डॉक्टर रौनक एलची को थोड़ा भय भी हुआ, लेकिन कर्तव्य के आगे उन्होंने जिम्मेदारियों को पीछे छोड़ दिया. डॉक्टर रौनक एलची ने कहा कि ऊपर वाले का शुक्र है कि अभी तक पॉजिटिव नहीं हुए हैं. उनके छोटे बच्चे हैं, इस बात का भी उन्हें हमेशा डर लगा रहता था. लेकिन थोड़ी सावधानी के चलते उन्हें कोरोना संक्रमण छू भी नहीं पाया. उन्होंने बताया कि पहली और दूसरी लहर में तो 18 घंटे तक कोविड वार्ड में सेवाएं दी. इसके बाद तीसरी लहर में राहत जरूर मिली है, मगर अभी भी पॉजिटिव मरीज लगातार आ रहे हैं. कोविड स्पेशलिस्ट डॉक्टर रौनक एलची ने आगे बताया कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लक्षण में भी थोड़ा परिवर्तन आया है, मगर तीनों लहर में बुखार कॉमन है.


तीनों लहर में मास्क की वजह से नहीं हुए पॉजिटिव


उन्होंने तीनों लहर के दौरान कपड़ों की तरह मास्क को भी अनिवार्य रूप से पहना.  जब भी घर से निकलना होता है तो मास्क पहनकर निकलते हैं. उन्होंने बताया कि मास्क लगाने की वजह से कोरोना की चपेट में नहीं आए. उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि अभी भी लोग जरूरी साजोसामान की तरह मास्क का भी उपयोग करें. घर से निकलते समय मास्क जरूर चेक कर लें. उन्होंने बताया कि कोविड वार्ड में दो मास्क की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन सामान्य तौर पर लोग एक मास्क पहनकर भी कोरोना संक्रमण से बच सकते हैं. 


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