Ujjain News: चुनाव के भाषणों में भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हों लेकिन आज भी आजादी के 75 साल बाद लोग सड़क, बिजली और पानी की समस्याओं से जूझ रहे हैं. इन्हीं समस्याओं के चलते प्रमुख रूप से आंदोलन देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही आंदोलन उज्जैन में भी हुआ. बिजली बिल और स्मार्ट मीटर की समस्या को लेकर लोगों का आक्रोश भड़क गया.
कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है और ऐसी स्थिति में गरीब वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति अभी से गड़बड़ा रही है. दूसरी तरफ बिजली विभाग द्वारा बिना रीडिंग के जो बिल दिए जा रहे हैं उससे उपभोक्ता बेहद परेशान हैं. मंगलवार को महिला कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष नूरी खान के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने एमपी बी.के ज्योति नगर स्थित कार्यालय का घेराव कर दिया, इस दौरान कांग्रेस की ओर से यह मांग उठाई गई कि कोरोना काल के दौरान शिवराज सरकार ने गरीबों के बिजली के बिल माफ करने की घोषणा की थी लेकिन, जो उपभोक्ता राशि जमा नहीं करा रहे हैं वहां पर लाइट भी काटी जा रही है.
हिरा मिल की चाल, विनोद मिल की चाल, सुदामा नगर, गांधी नगर, विराट नगर और यादव कॉलोनी के लोगों ने एमपी का घेराव करते हुए अपनी मांगों को अधिकारियों के सामने रखा. नूरी खान ने बताया कि पूर्व में सरकार 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली देती थी मगर कांग्रेस की सरकार जाने के बाद अब बिजली के बेतहाशा बिल दिए जा रहे हैं जिसकी वजह से गरीब लोगों की कमर टूट गई है. उन्होंने कहा कि चीफ इंजीनियर की ओर से समस्या के समाधान को लेकर आश्वासन मिला है. 7 दिनों में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो फिर बड़ा आंदोलन होगा.
ऐसे भी मामले सामने आए
विनोद मिल की चाल में रहने वाले शाहिद खान ने बताया कि उन्हें एमपीईबी ने 10 हजार का बिल थमा दिया था. उन्होंने अपनी गाड़ी बेच कर बिल को भरा. इसके बाद फिर 7 हजार का बिल दे दिया गया. अभी उनके पास 850 रूपये महीना पेंशन आती है. इसके अलावा घर में कमाने वाला कोई नहीं है. अब उनके पास कुछ भी सामान नहीं बचा है जिसे बेचकर वो बिल भर सके. एक अन्य महिला राधाबाई ने बताया कि वे पैर से विकलांग है. दिव्यांग होने के बावजूद उन्हें 10 हजार रूपये के बिल थमाए जा रहे हैं. बिल नहीं बनने पर बिजली भी काट दी गई है. ऐसी ही समस्याएं और भी आंदोलनकारियों ने बताई है.
विधायक और मंत्री के घर नहीं लगे हैं स्मार्ट मीटर
कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने आरोप लगाया कि एमपीईबी के अधिकारियों द्वारा स्मार्ट मीटर की आड़ में अधिक रीडिंग दर्ज करने वाले मीटर लगाए जा रहे हैं. यह मीटर गरीबों की और भी कमर तोड़ देंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन, दक्षिण के विधायक और मंत्री मोहन यादव सहित बीजेपी के तमाम नेताओं के घर पर अभी तक स्मार्ट मीटर नहीं लगे हैं, जबकि रोज गरीबों की बस्तियों में गुंडागर्दी कर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ एमपीईबी के अधिकारियों ने आरोपों को गलत बताया है.
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