Ujjain Petrol Diesel Price: उज्जैन में बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों का जेब पर असर, महंगे हुए रोजमर्रा के ये सामान
Ujjain: उज्जैन में बढ़ते पेट्रोल और डीजल की कीमतों के कारण आम लोगों पर बुरा असर पड़ रहा है. दाम बढ़ने के कारण ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हुआ है, जिसके कारण रोजमर्रा की वस्तुएं महंगी हो रही है.
Ujjain News: पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर जब भी फर्क पड़ता है उसका व्यापक पैमाने पर असर देखने को मिलता है. इन दिनों पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिसकी वजह से रोजमर्रा की वस्तुएं भी लगातार महंगी हो रही है. लोगों की जेब ढीली होने की वजह से उनकी चिंताएं बढ़ गई है.
कीमतों में लगातार उछाल जारी
उल्लेखनीय है कि ईंधन की कीमतों में लगातार उछाल जारी है. पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की वजह से ट्रांसपोर्टेशन भी महंगा हो रहा है. माल भाड़ा बढ़ने की वजह से रोजमर्रा की वस्तुओं पर इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है. उज्जैन राॅयल मार्केट के संचालक मोईस के मुताबिक अभी तक पुराने स्टॉक की कई वस्तुएं बेची जा रही थी लेकिन अब कॉस्मेटिक और अन्य रोजमर्रा के नए सामान के स्टॉक को बेचा जा रहा है. इनकी कीमतों पर 5 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है.
मोईस के मुताबिक जब भी पेट्रोल और डीजल के भाव बढ़ते हैं तो माल भाड़ा बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति में प्रत्येक वस्तुओं के दाम धीरे-धीरे बढ़ जाते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में दाल, चावल, तेल, साबुन, सर्फ सहित अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम भी बढ़ जाएंगे.
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मध्यमवर्गीय परिवारों की जेब पर बुरा असर
मध्यम और निम्न वर्ग के परिवार के सदस्य बढ़ रही महंगाई के कारण बेहद परेशान हैं. डिपार्टमेंटल स्टोर पर सामान खरीदने आए राजेश सिंह के मुताबिक वेतन और आवक पहले जैसी है जबकि महंगाई चरम सीमा पर है. मार्च के महीने में महंगाई ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम में आग लग गई है. ऐसी स्थिति में सरकार को महंगाई कम करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. लोगों का यह भी कहना है कि सरकार को ईंधन के दाम कम कर नियंत्रण करना चाहिए.
टैक्स कम करने की मांग
पेट्रोल और डीजल की बढ़ रही कीमतों के पीछे टैक्स भी एक बड़ा कारण बताया जा रहा है. यदि सरकार टैक्स में थोड़ी कमी कर दे तो पेट्रोल और डीजल के दामों को कम किया जा सकता है. इसे लेकर भी लोग अब मांग उठाने लगे हैं. पेट्रोल पंप संचालक पूर्व में ही इस प्रकार की मांग उठा चुके हैं.
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