(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पश्चिम बंगाल से मध्य प्रदेश तक फैलाया फर्जी सिम कार्ड से अपराध का जाल, गिरोह के पांच सदस्य गिरफ्तार
Ujjain Crime: पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य की मदद से पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों में अक्षय तिरवार उज्जैन और सादिक खान देवास के रहने वाले हैं, जबकि तीन पश्चिम बंगाल के निवासी हैं.
MP Crime News: उज्जैन पुलिस ने सिम कार्ड से आपराधिक वारदातों को अंजाम देनेवाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह के सदस्य सिम कार्ड का इस्तेमाल मध्य प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक में कर रहे थे. नानाखेड़ा थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों को हवालात पहुंचा दिया है. एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि काफी दिनों से शिकायत मिल रही थी कि एक गिरोह फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने का काम करता है. गिरोह में पश्चिम बंगाल के कुछ बदमाश भी शामिल हैं.
सूचना पर पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य की मदद से पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों में अक्षय तिरवार उज्जैन और सादिक खान देवास के रहने वाले हैं, जबकि तीन पश्चिम बंगाल के निवासी हैं. गिरोह का एक सदस्य नागदा निवासी मोंटू पर पुलिस ने इनाम घोषित किया है.
एसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य किसी भी सर्विस प्रोवाइडर से सिम कार्ड हासिल कर लेते थे. दुकानदार व्यक्ति से सिम कार्ड देने के नाम पर दस्तावेज लेता. उसके नाम पर फोटोकॉपी के जरिए दो सिम कार्ड जारी कर दिया जाता.
सिम कार्ड का आपराधिक वारदातों में हो रहा था इस्तेमाल
आरोपियों के पास से 60 से ज्यादा सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. जिस व्यक्ति के नाम पर दो सिम कार्ड जारी होते थे उसे पता ही नहीं लगता था. जब उसके सिम कार्ड का उपयोग आपराधिक वारदात में होता था, तब उसे परेशानी का सामना करना पड़ता था. पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि सिम कार्ड एक्टिव होने के बाद कंपनी को भी अपने स्तर पर वेरिफिकेशन करना चाहिए, ताकि गलत व्यक्ति के पास सिम कार्ड न पहुंच जाए. फर्जी सिम कार्ड का प्रयोग अधिकांश आपराधिक वारदातों में होता हैय. इसलिए सिम कार्ड जारी करने वाली कंपनियों को भी पत्र लिखकर अलग से वेरिफिकेशन करने के लिए कहा जायेगा.
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