MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के शहर उज्जैन में पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा की गोद में बैठे बाल आरक्षक का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह बाल आरक्षक अपने पिता के स्वर्गवासी होने पर उनके स्थान पर पुलिस विभाग में सेवाएं देगा. हालांकि अभी 5 वर्षीय बालक को 18 साल की उम्र तक इंतजार करना पड़ेगा.


उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर लवकेश बिसारिया थे. उनकी बीमारी की अवस्था मौत हो गई थी. उनके स्थान पर उनके पुत्र देविक विसरिया को बल आरक्षक के पद पर नियुक्ति पत्र सौंप दिया गया है. पुलिस अधीक्षक ने नियुक्ति पत्र सौंपने के साथ-साथ दैविक को गोद में बिठाकर दुलार भी किया.




पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बल आरक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र देने के बाद अब दैविक के 18 वर्ष के होने का इंतजार किया जाएगा. जैसे ही वह 18 वर्ष का होगा और हायर सेकेंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण कर लेगा,  वैसे ही उसे आरक्षक के पद पर काम करने का मौका मिल जाएगा. बाल आरक्षक के पिता उज्जैन जिले के झारड़ा थाने में पदस्थित थे और बीमारी के दौरान उनका निधन हो गया था. पुलिस अधीक्षक के मुताबिक लोकेश काफी बहादुर पुलिसकर्मी थे और उनके कार्यकाल में उन्होंने कई उपलब्धियां भी हासिल की थी.


पुलिस विभाग की प्रक्रिया से परिवार खुश


पुलिस विभाग ने बल आरक्षक को नियुक्ति पत्र देकर अपने विभाग का हिस्सा अभी से बना लिया है. हालांकि नौकरी की शुरुआत 18 वर्ष की उम्र के बाद होगी. पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि 18 वर्ष की उम्र पूर्ण करने के बाद बाल आरक्षक को इस तरीके से प्रशिक्षण लेना होगा, जिस तरीके से नई नियुक्ति पर प्रशिक्षण दिया जाता है.


बाल आरक्षकों की शिक्षा की होती है मॉनिटरिंग


पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि बाल आरक्षकों का पूरा डाटा अधिकारियों के पास रहता है और उनकी पढ़ाई की पूरी मॉनिटरिंग भी की जाती है, ताकि बाल आरक्षक 18 वर्ष की उम्र के बाद अपने शिक्षा ग्रहण कर पुलिस विभाग में सेवाएं दे सकें.


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