MP News: उज्जैन की सेंट्रल जेल के कर्मचारियों के जीपीएफ घोटाले के मामले में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को जेल विभाग निलंबित कर दिया है. इसके अलावा इस मामले में अभी तक पांच आरोपी गिरफ्तार हो गए. पूर्व जेल अधीक्षक और जेल प्रहरी को टिकट 30 मार्च तक रिमांड पर सौंपा गया है.
उज्जैन पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि इस मामले में अभी तक 67 जलप्रहरियों के जीपीएफ की राशि में हेराफेरी की बात सामने आ चुकी है. यह घोटाला अभी तक 13 करोड़ 54 लाख का सामने आया है, जबकि राशि बढ़ने की और भी संभावनाएं हैं. इस मामले में पूर्व जिला अधीक्षक उषा राज, पूर्व जेल प्रहरी रिपुदमन रघुवंशी के साथ-साथ तीन अन्य बाहरी लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके खाते में राशि जमा की गई थी.
आरोपी उषा राज और रिपुदमन को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें 31 मार्च तक रिमांड पर सौंपा गया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत बाकरवाल के मुताबिक अभी इस मामले में और भी आरोपी बनेंगे. पुलिस को पुख्ता तौर पर कुछ दस्तावेजी प्रमाण मिले हैं, जिसके आधार पर जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि अभी इस मामले में धर्मेंद्र लोधी और शैलेंद्र सिंह सिकरवार नमक दो इनामी जेल प्रहरी अभी फरार हैं. उनकी तलाश में भी छापामार कार्रवाई की जा रही है. इसी बीच पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज्य के सरकारी बंगले की भी तलाशी ली गई. भैरवगढ़ थाना प्रभारी प्रवीण पाठक के मुताबिक मकान से जीपीएफ घोटाले संबंधित कुछ दस्तावेज मिले हैं.
सरकार के नए नियम का सभी को इंतजार
उज्जैन के जीपीएफ घोटाले ने सभी को हिला कर रख दिया है. सरकार भी इस मामले में कर्मचारियों के जीपीएफ निकालने की प्रक्रिया बदल रही है. पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ला के मुताबिक नई प्रक्रिया लागू करने की कोशिश शुरू हो गई है. कुछ ही दिनों में नई प्रक्रिया के तहत जीपीएफ की राशि निकालने की प्रक्रिया कार्रवाई होगी. शासकीय कर्मचारियों को भी नए नियम का इंतजार है.
अभी रिकवरी का भी इंतजार
पुलिस पूर्व जेल अधीक्षक और अन्य आरोपियों से कड़ी पूछताछ कर उनसे जीपीएफ घोटाले की राशि रिकवर करने की कोशिश कर रही है. ऐसा माना जा रहा है कि फरार इनामी आरोपियों की तलाश में भी तेजी लाई गई है. सभी आरोपियों के पकड़े जाने के बाद करोड़ों रुपए की राशि रिकवरी होगी. उज्जैन के भैरव गढ़ थाने में पकड़े गए आरोपियों से अभी भी पूछताछ की जा रही है.
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