Ujjain: 'गराडू' पर दिखने लगा महंगाई का असर, शीतलहर में बढ़ी डिमांड, गरम जलेबी के साथ लें आनंद
Ujjain News: इसे सर्दी का दुश्मन कहा जाता है, इस वजह से ठंड में इसकी डिमांड काफी बढ़ जाती है. इस बार गुराडू 360 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचे जा रहे हैं.
MP News: ठंड के दिनों में मालवा अंचल में गराडू की दुकानें सज जाती है. गराडू को ठंड का दुश्मन कहा जाता है इसलिए इसकी बिक्री में कई गुना इजाफा होता है. इन दिनों गराडू के भाव पर महंगाई का असर छा गया है. अब गराडू भी गरीबों की पहुंच से दूर हो गया है. ठंड के दिनों में शाकाहारी लोगों के लिए गराडू पहली पसंद बन जाता है. गराडू शरीर के अंदर की गर्मी ही नहीं, बल्कि पौष्टिक तत्वों के साथ शरीर को नई ऊर्जा देता है. यही वजह है कि मालवांचल में ठंड के दिनों में गराडू की दुकानें सज जाती है.
महंगा हुआ गराडू
उज्जैन में पिछले 40 साल से गराडू का व्यापार करने वाले राधेश्याम बताते हैं कि इस बार गराडू के दाम में थोड़ा इजाफा हुआ है. इस बार गुराडू 360 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचे जा रहे हैं. गराडू पिछले साल 300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचे गए थे. उन्होंने यह भी रोचक जानकारी साझा करते हुए बताया कि जब 40 साल पहले उन्होंने गराडू की दुकान खोली थी, उस समय 50 पैसे किलो के हिसाब से गराडू बेचे जाते थे.
धीरे-धीरे बाजार पर महंगाई का असर हुआ और गराडू की कीमत अब 360 रुपये प्रति किलो पहुंच गई. हालांकि महंगाई के कारण ग्राहकी पर थोड़ा असर जरूर पड़ है. वर्तमान समय में मध्यम वर्गीय परिवार भी सोच समझकर गराडू का ऑर्डर देता है.
गरम जलेबी के साथ आनंद उठा रहे हैं लोग
धार्मिक यात्रा पर होशंगाबाद से उज्जैन पहुंचे हर्षित तिवारी ने बताया कि उन्होंने उज्जैन के गराडू के बारे में काफी सुना था. जितनी तारीफ उन्होंने सुनी थी उससे अधिक गराडू का स्वाद देखने को मिला. उन्होंने बताया कि शुद्ध देसी घी की जलेबी और गराडू का सेवन करने से शरीर में गर्मी आ गई. इसके अलावा उज्जैन के खानपान में गराडू का विशेष महत्व है.
उज्जैन की रहने वाली शबाना भी बताती हैं कि वह नॉनवेज से दूर रहती हैं, इसलिए ठंड के दिनों में अक्सर उनका परिवार गराडू का सेवन करता है. वे घर में गराडू की सब्जी भी बनाती हैं.
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