Diwali Gold Shoping: अगर आप दीपावली के शुभ अवसर पर सोना-चांदी खरीदने जा रहे हैं, तो आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा कि मोल के साथ-साथ तोल में गड़बड़ी तो नहीं हो रही है. उज्जैन (Ujjain) संभाग में नापतोल विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई से गड़बड़ी के बड़े मामले सामने आ रहे हैं. खासतौर पर सोना-चांदी व्यापारी की दुकानों पर तोल में लगातार गड़बड़ी की शिकायतें भी हो रही है.
इन दुकानों पर हुई कार्यवाई
धार्मिक नगरी उज्जैन में जब नापतोल विभाग सोना-चांदी व्यापारियों के यहां तोल कांटे का परीक्षण करने पहुंचे तो चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आई. नापतोल निरीक्षक संदीप पाटणकर ने बताया कि उज्जैन में 5 ज्वेलर्स के खिलाफ प्रकरण बनाए गए हैं. इनमें बाफना ज्वेलर्स, नाथ ज्वेलर्स, गुरु कृपा ज्वेलर्स, स्वर्णदीप ज्वेलर्स और सौभाग्य ज्वेलर्स नामक प्रतिष्ठान शामिल है.
रतलाम में बी मिली शिकायतें
उन्होंने बताया कि तोल में गड़बड़ी की शिकायत के चलते यहां पर कार्रवाई की गई है. पाटणकर के मुताबिक कहीं पर तोल का सत्यापन नहीं करवाया गया था, तो कहीं पर नापतोल विभाग द्वारा दी गई गाइडलइन के अनुसार सब कुछ ठीक नहीं मिला. इसी प्रकार की कार्रवाई शाजापुर में भी हुई है. शाजापुर में भी कुछ प्रकरण बनाए गए हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश में सोने-चांदी के लिए फेमस रतलाम में भी लगातार नापतोल विभाग पड़ताल कर रहा है.
सोना खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
आजकल सोने चांदी के दाम तो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से कई स्थानों पर पता किया जा सकता है. यदि तोल में गड़बड़ी हो गई तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. नापतोल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक ग्राहक को यह अधिकार है कि वह सोना खरीदते समय तोल को लेकर यह पड़ताल कर सकता है कि तोल मशीन सत्यापित है या नहीं. मशीन पर नापतोल विभाग की सील लगी है अथवा नहीं. यदि सील नहीं लगी है तो फिर विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग जाएगा.
बांट के माध्यम से फिजिकल सत्यापन
अधिकारियों के मुताबिक खास तौर पर सोने चांदी की दुकानों पर सत्यापन के लिए बुलियन बांट रखना आवश्यक है. इस बांट का भी नापतोल विभाग द्वारा सत्यापन किया जाता है. इस बांट को कांटे पर रखकर वजन का सत्यापन किया जा सकता है.
गाइडलाइन का पालन जरुरी
जो व्यापारी नापतोल विभाग की गाइडलाइन का पालन नहीं करते हैं. उनके खिलाफ नापतोल विभाग द्वारा प्रकरण बनाया जाता है, या प्रकरण न्यायालय में भी पेश किया जा सकता है. इसके अलावा जुर्माने का भी प्रावधान है. इस मामले में 10000 रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है. यह प्रक्रिया सभी व्यापारियों के लिए एक समान व्यवस्था से संचालित होती है.
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