Corona Report Case In Ujjain: कोरोना की तीसरी लहर में जैसे-जैसे सैंपलिंग बढ़ाई जा रही है, वैसे-वैसे लापरवाही के मामले भी सामने आ रहे हैं. उज्जैन जिले के कायथा की एक महिला को बिना सैंपलिंग के ही स्वास्थ्य विभाग ने पॉजिटिव बता दिया. अब इस मामले में स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से सफाई भी दे रहा है.
दलअसल उज्जैन जिले के कायथा की रहने वाली किरण बाई अपने बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए कायथा स्थित सरकारी अस्पताल गईं थीं. 8 जनवरी को उन्होंने बच्चे की जांच करवाई थी. इस दौरान चिकित्सक ने बच्चे को कुछ आवश्यक दवाइयां भी लिखी. उस दौरान महिला का नाम भी रजिस्टर में अंकित किया गया. कायथा की रहने वाली किरण बाई पति मुकेश ने बताया कि उनके नाम और नंबर रजिस्टर पर जरूर दर्ज किए गए मगर उनका कोई टेस्ट नहीं किया गया. 10 जनवरी के बुलेटिन में महिला को पॉजिटिव बता दिया गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग का अमला, जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ किरण बाई के घर पहुंच गया.
महिला को किया गया आइसोलेट
तहसीलदार सोनम भगत ने बताया कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से किरण बाई के पॉजिटिव होने की जानकारी मिली है. इसके बाद उन्हें आइसोलेशन पर घर पर ही रखा गया है. उनके घर को कंटेंटमेंट एरिया बनाया गया है. दूसरी तरफ किरण बाई के मुताबिक उनकी किसी भी प्रकार की जांच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नहीं की. उन्होंने यह भी बताया कि जब वे बच्चे की जांच कराने के लिए अस्पताल पहुंची थीं तो उस समय उनके साथ धीरम बाई नामक महिला भी थी. धीरम बाई नामक महिला का भी कहना है कि किरण बाई की कोई जांच या सैंपलिंग नहीं हुई है. इसके अलावा जांच रिपोर्ट में वर्ष भी 2021 लिख दिया गया है. इस लापरवाही को लेकर स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है.
पूरे मामले की जांच होगी- बीएमओ
तराना के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर राकेश जाटव के मुताबिक इस प्रकार की गलती होना असंभव है. उन्होंने बताया कि वर्ष जरूर गलत डल गया है, मगर किसी पॉजिटिव का नाम गलत नहीं हो सकता है. हालांकि इस संबंध में निचले स्तर तक जांच करवाई जाएगी. इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
वैक्सीनेशन के बाद मौत का लगा था आरोप
टीकाकरण के बाद तराना में एक छात्रा की मौत के बाद परिवार वालों ने वैक्सीनेशन पर सवाल खड़े किए थे. हालांकि पूरा मामला वैक्सीनेशन से जुड़ा नहीं था. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट कर दिया था कि वैक्सीनेशन से छात्रा की मौत नहीं हुई है. इस मामले के बाद तराना का यह दूसरा मामला सामने आया है. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने इस मामले में भी गंभीरता से जांच करवाने की बात कही है.
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