Ujjain Kaal Bhairav Mandir Ritual: प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर (Mahakal Mandir) के सेनापति काल भैरव (Kaal Bhairav) को भैरव अष्टमी के दिन 101 बोतल मदिरा का भोग लगाया गया. भगवान काल भैरव को शराब का भोग लगाने की परंपरा काफी प्राचीन है. भैरव अष्टमी पर भगवान काल भैरव नगर भ्रमण पर भी निकले जिनका जोरदार स्वागत किया गया. 


काल भैरव मंदिर के पुजारी ऐश्वर्या दत्त चतुर्वेदी ने बताया कि भैरव अष्टमी पर काल भैरव मंदिर में अलग ही परंपराओं का निर्वहन किया जाता है. भगवान महाकाल के सेनापति काल को अलग-अलग प्रकार की मदिरा की 101 बोतल का भोग लगाया गया. इसके अलावा भांग, बीड़ी आदि को भी चढ़ाया जाता है. भगवान काल भैरव का फल फूल आदि का भी विशेष शृंगार किया गया. 


महाकाल के दर्शन से पहले ली जाती है काल भैरव की अनुमति
भैरव अष्टमी पर भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने से पहले उनके सेनापति काल भैरव से अनुमति लेना आवश्यक होता है. इसलिए श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने से पहले काल भैरव का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं. कई श्रद्धालु पहले भगवान महाकाल के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद काल भैरव पहुंचते हैं.


सिंधिया घराने से आती है पगड़ी
भैरव अष्टमी पर ग्वालियर के सिंधिया घराने की पगड़ी भगवान को चढ़ाई जाती है. इसके पीछे भी रोचक कहानी है. बताया जाता है कि जब ग्वालियर स्टेट पर हमला हुआ था, उस समय सिंधिया घराने के प्रमुख ने भगवान काल भैरव से प्रार्थना की थी और अपनी पगड़ी उनके चरणों में अर्पित कर दी थी, जिसके बाद दुश्मनों का हमला विफल हो गया. तब से अभी तक भगवान काल भैरव को भैरव अष्टमी के दिन सिंधिया घराने की पगड़ी अर्पित की जाती है.  


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