MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी तस्वीर साफ कर दी है. आखिरकार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन-आलोट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे विधायक महेश परमार को ही कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. मुख्यमंत्री के गृह जिले से महेश परमार को मैदान में उतरने के पीछे कई बड़े कारण हैं. कांग्रेस सोची समझी रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही है.


उज्जैन लोकसभा सीट को शुरू से ही भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है. हालांकि कांग्रेस ने कई बार बीजेपी के गढ़ में सेंध भी लगा दी है. इस बार भी कांग्रेस अपना मजबूत दावा पेश कर रही है. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी को पूरा भरोसा है कि बीजेपी प्रत्याशी अनिल फिरोजिया को दूसरी बार सेवा का मौका मिलेगा. 


'पुराना हिसाब किताब पूरा बराबर हो जाएगा' 
कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार और बीजेपी प्रत्याशी अनिल फिरोजिया विधानसभा चुनाव 2018 में तराना विधानसभा सीट से एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. उस समय महेश परमार ने अनिल फिरोजिया को चुनाव हार दिया था. अब इस बार बीजेपी चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है. बीजेपी प्रत्याशी अनिल फिरोजिया का कहना है कि इस चुनाव में पुराना हिसाब किताब पूरा बराबर हो जाएगा जबकि कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार का कहना है कि इस बार जीत कांग्रेस की होगी.


आखिर महेश परमार को ही कांग्रेस ने क्यों उतारा ?
उज्जैन आलोट लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने महेश परमार को ही टिकट देकर मैदान में क्यों उतरा है ? यह सवाल बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके पहले महेश परमार विधानसभा और महापौर का चुनाव भी लड़ चुके हैं. दरअसल उज्जैन-आलोट लोकसभा सीट पर बलाई समाज के काफी संख्या में मतदाता है. ऐसी स्थिति में कांग्रेस को विश्वास है कि सामाजिक तौर पर महेश परमार के उतरने से उन्हें लाभ मिलेगा. वर्तमान में बीजेपी के पास घटिया और आलोट से बलाई समाज के दो विधायक सतीश मालवीय और डॉक्टर चिंतामणि मालवीय है.


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