MP News: नवरात्रि के पहले दिन उज्जैन में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है. वाणिज्य कर विभाग में पदस्थ दो महिला अधिकारियों को लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथ धर दबोचा. वाणिज्य कर विभाग के कार्यालय में लोकायुक्त की छापेमारी से हड़कंप मच गया.


महिला अधिकारियों ने जीएसटी नंबर जारी करने के नाम पर ठेकेदार से रिश्वत की मांग की थी. लोकायुक्त डीएसपी सुनील कुमार तलान ने बताया कि महावीर बाग कॉलोनी में रहने वाले दीप सिंह ठेकेदारी का काम करते हैं.


दीप सिंह की फर्म का नाम श्री राधा कॉन्टैक्टर है. उन्होंने वाणिज्य कर विभाग में जीएसटी नंबर के लिए आवेदन दिया था. वाणिज्य कर विभाग की दो महिला अधिकारियों ने ठेकेदार से छह हजार रुपये की डिमांड की. बातचीत के बाद दोनों 3500 लेकर जीएसटी नंबर देने को राजी हो गयीं. ठेकेदार ने रिश्त मांगे जाने की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से कर दी. शिकायत का लोकायुक्त ने सत्यापन कराया. सत्यापन में जीएसटी नंबर देने के एवज रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि हुई. लोकायुक्त की टीम ने रिश्वतखोर महिला अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया.


महंगा पड़ा ठेकेदार से GST नंबर देने के एवज रिश्वत मांगना


पीड़ित को रिश्वत की रकम देने के लिए तैयार किया गया. घात लगाये बैठी लोकायुक्त की टीम ने दोनों महिला अधिकारियों को 3500 रुपये लेते रंगे हाथ धर दबोचा. वाणिज्य कर विभाग के कार्यालय में अचानक हुई छापेमारी से हड़कंप मच गया.


लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा ने बताया कि दोनों को गिरफ्तार करने के बाद जमानत पर रिहा भी कर दिया गया है. लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि विजय भिलाला जीएसटी विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है और दूसरी महिला किरण जोशी सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ है. दोनों को रिश्वत लेने के बाद रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया. बताया जाता है कि ठेकेदार को एक कंपनी से ठेका मिला था. कंपनी की तरफ से जीएसटी बिल की मांग की जा रही थी. ठेकेदार दीप सिंह ने जीएसटी बिल के लिए कार्यालय में आवेदन किया था.


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