Ujjain Mahakal Sawari: भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी पर्व पर भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है. यह सवारी विशेष रूप से द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के लिए रवाना होती है. हरि और हर के मिलन को लेकर उज्जैन में पुलिस ने विशेष इंतजाम किए हैं. हरि और हर के मिलन को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी आते हैं.


श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में एकत्रित होने के कारण पुलिस ने अबकी बार सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं की आवा-जाही में कोई बाधा न उत्पन्न हो.


महाकालेश्वर मंदिर में पूजा का विधि-विधान


महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया कि वैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान महाकाल की सवारी द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पर पहुंचती है, जहां दोनों का एक साथ पूजन और आरती की जाती है. महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी भगवान गोपाल की आरती करते हैं जबकि द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के पुजारी भगवान महाकाल की विधि विधान से पूजन करते हैं. इस दौरान सड़कों पर आतिशबाजी भी की जाती है. महाकालेश्वर मंदिर की सवारी को लेकर पुलिस ने पूरे मार्ग का भ्रमण किया.


पुलिस अधीक्षक ने जारी की गाइडलाइन 


पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि महाकाल की सवारी को लेकर विशेष तैयारी की गई है. सवारी मार्ग में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा, आतिशबाजी को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है. अगर कोई नियम का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


सवारी में आतिशबाजी को लेकर रहेगी पुलिस की नजर


सवारी के दौरान जमकर आतिशबाजी भी होती है कई लोग गाइडलाइन का पालन किए बिना ही आतिशबाजी कर देते हैं, जिससे आग लगने का खतरा भी बना रहता है. सवारी रहवासी इलाके से गुजरती है. यही वजह है कि पुलिस इस बार बिना गाइडलाइन का पालन कर आतिशबाजी करने वालों पर कार्यवाही करेगी. 


यह भी पढ़ें: मस्तक पर विष्णु तिलक और भगवान श्रीगणेश का रूप, भगवान महाकाल ने भव्य शृंगार के बाद दिए दर्शन