Ujjain News: लग्जरी कार में चल रहा था सट्टे का अवैध कारोबार, विदेशी मशीन के साथ 7 गिरफ्तार
MP News: पुलिस ने बताया, आरोपियों से एक हाईटेक मशीन बरामद हुई है जिसमें एक साथ 26 मोबाइल जुड़े थे. इस मशीन को सटोरियों द्वारा मैजिक सूटकेस का नाम दिया गया था.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश पुलिस डाल-डाल तो सटोरिए पात-पात. इसी कहावत को सटोरियों ने चरितार्थ किया है. सटोरिए लग्जरी कार में 52 मोबाइल फोन और विदेशी मशीन के साथ-साथ हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर करोड़ों रुपए की हार जीत कर रहे थे. जब क्राइम ब्रांच ने सटोरियों को पकड़ तो उनकी हाईटेक मशीनें देखकर आईपीएस अधिकारी तक दंग रह गए. टीम ने 7 सटोरियों को सट्टा करते गिरफ्तार किया है.
एसपी ने क्या बताया
उज्जैन के सिटी एसपी विनोद कुमार मीना ने बताया, कुछ सटोरियों के बारे में बार-बार यह सूचना मिल रही थी कि वे अवैध कारोबार करने के लिए पूरा एक्सचेंज चला रहे हैं. शिकायत गंभीर थी लेकिन उनको पकड़ना भी आसान नहीं था क्योंकि वे लगातार अपना स्थान बदल रहे थे. कभी वे गोवा से हारजीत कर रहे थे तो कभी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बैठकर हारजीत कर रहे थे.
7 सटोरिये गिरफ्तार
एसपी ने बताया कि, साइबर सेल की मदद से उनकी लोकेशन ट्रेस की गई, जिसके बाद उज्जैन में दो लग्जरी कार से 7 सटोरियों को सट्टा करते गिरफ्तार किया गया. आरोपियों के कब्जे से एक विदेशी मशीन के साथ 52 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं. इसके अलावा करोड़ों रुपए का हिसाब किताब भी मिला है. इस गिरोह के तार मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात आदि प्रदेशों से जुड़े हुए थे. गिरोह के सरगना गोविंद रघुवंशी और जयेश आहूजा से पूछताछ के दौरान कई और खुलासे हुए हैं.
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विदेशी मशीन से जुड़े थे 26 मोबाइल
खारा कुआं थाना पुलिस ने बताया कि, आरोपियों से एक हाईटेक मशीन बरामद हुई है जिसमें एक साथ 26 मोबाइल जुड़े हुए थे. इस मशीन को सटोरियों द्वारा मैजिक सूटकेस का नाम दिया गया था. मशीन के जरिए कार ने आसानी से बैठकर एक दो लोग ही 26 लोगों के साथ सीधे जुड़ कर सट्टे का अवैध कारोबार कर रहे थे. यह भी बताया जा रहा है कि इस मशीन को सटोरिए बैंकॉक से लेकर आए थे.
छात्र ने दांव पर लगा दिया कैरियर
इस गिरोह के साथ पकड़ाए आरोपी अमित राठौर ने बताया कि, वह हाई एजुकेटेड है. कोरोना की वजह से उसकी नौकरी चली गई थी, जिसके बाद वह सटोरियों के संपर्क में आया. उसे 20,000 रुपये महीना वेतन मिलता था. इसके एवज में वह करोड़ों का हिसाब किताब लिखता था. आरोपी अमित ने बताया कि उसने ग्रेजुएशन के साथ-साथ बीबीए में डिप्लोमा भी कर रखा है.
लैपटॉप में सटोरियों की कुंडली
आरोपियों का हिसाब किताब इतना लंबा था कि उसे कई बार केलकुलेटर पर करना भी संभव नहीं होता था, इसलिए वे लैपटॉप का इस्तेमाल करते थे. लैपटॉप पर सटोरियों का हिसाब किताब भी रखा जाता था. पुलिस ने हाई कंफीग्रेशन के 4 लैपटॉप भी बरामद किए हैं. इन लैपटॉप में भी देशभर के सटोरियों की कुंडली बताई जा रही है.
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