उज्जैन: मंगल राजा को रंक और रंक को बना सकता है राजा, दोष दूर करने के लिए आया अचूक दिन, मिलेगा ये लाभ
वर्षभर में चतुर्थी मंगलवार को आती है तो इस दिन अंगारक चतुर्थी मानकर मंगल दोष की पूजा के लिए विशेष योग माना जाता है. 5 अप्रैल मंगलवार को अंगारक चतुर्थी है. 19 अप्रैल को भी अंगारक चतुर्थी आ रही है.
अगर मंगल की कुदृष्टि पड़ जाए तो राजा भी रंक बन सकता है और अगर मंगल की कृपा बरस जाए तो रंक को राजा बनते देर नहीं लगती. प्राचीन समय से ही मंगल दोष को लेकर कई ऐसी बातें प्रचलित हैं जो वास्तविक जीवन पर गहरा असर डालती हैं. मंगल का दोष दूर करने के लिए 2 दिन काफी अनुकूल आ रहे हैं. इन दिनों में पूजा करने पर मंगल के दोष से स्थाई मुक्ति मिलती है.
इस दिन की पूजा का है बहुत महत्व
मध्य प्रदेश (Ujjain Madhya Pradesh के उज्जैन (Ujjain) में मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना जाता है. यहां पर अंगारेश्वर महादेव मंदिर (Angareshwar Mahadev Temple) को मंगल ग्रह की उत्पत्ति का स्थान शास्त्रों में वर्णित है. स्कंद पुराण के अवंती खंड के मुताबिक 84 महादेव में 43 वें नंबर पर स्थित अंगारेश्वर मंदिर पर पूजा करने से मंगल दोष से मुक्ति मिलती है. मंगल दोष का निवारण करने के लिए यहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु भी आते हैं. अंगारेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी मनीष उपाध्याय के मुताबिक 5 अप्रैल मंगलवार को अंगारक चतुर्थी है. इस दिन मंगल दोष को दूर करने के लिए पूजा अर्चना काफी महत्व रखती है.
इस दिन होता है विशेष योग
जब भी वर्षभर में चतुर्थी मंगलवार को आती है तो इस दिन अंगारक चतुर्थी मानकर मंगल दोष की पूजा के लिए विशेष योग माना जाता है. पंडित उपाध्याय के मुताबिक 19 अप्रैल को भी अंगारक चतुर्थी आ रही है. इस दिन भी जातक पूजा कर मंगल दोष का निवारण कर सकते हैं. पंडित उपाध्याय ने बताया कि भूमि पुत्र मंगल को संपत्ति, सुख शांति, विजय का प्रतीक माना जाता है.
अंगारक चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा
पंडित मनीष उपाध्याय के मुताबिक अंगारक चतुर्थी पर कोई भी श्रद्धालु अपने शहर के नवग्रह मंदिर पर जाकर भगवान मंगल की आराधना कर सकता है. भगवान मंगल को दूध, दही, शहद , शक्कर, घी आदि से पंचामृत स्नान करवाकर मंगल दोष को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा ॐ अंगारकाय नम: का पाठ कर भी मंगल के दोष से मुक्ति पाई जा सकती है.