Ujjain News: माफिया मुक्त अभियान का कितना बड़ा असर मध्यप्रदेश में हुआ है, इसका एक छोटा सा उदाहरण धार्मिक नगरी उज्जैन में हुई कार्रवाई को देखकर मिल रहा है. उज्जैन में डीएम आशीष सिंह और उनकी टीम ने 1 साल के भीतर 1,500 करोड़ से ज्यादा की जमीनों को माफियाओं से मुक्त करवाया है. गुरुवार को भी सवा सौ करोड़ कीमत की जमीन मुक्त करवाई गई.
1500 करोड़ की जमीन माफिया मुक्त
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के निर्देश पर पूरे प्रदेश में माफिया मुक्त अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के जरिए खास तौर पर शासकीय जमीनों से कब्जा हटाने की कार्रवाई हो रही है. यदि धार्मिक नगरी उज्जैन की बात की जाए तो यहां पिछले 1 साल में डेढ़ हजार करोड़ की शासकीय संपत्ति को माफिया से मुक्त करवा दिया गया है.
इसकी कीमत 125 करोड़
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आईएएस अफसर और बड़नगर एसडीएम निधि सिंह के नेतृत्व में गुरुवार को बड़नगर में तकायमी की भूमि से कब्जा हटाने की कार्रवाई की गई. बड़नगर में लगभग 28 बीघा जमीन थी जिसका अनुमानित मूल्य सवा सौ करोड़ बताया जा रहा है.
इसके पहले उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के नेतृत्व में नरेश जिनिंग, गणेश जिनिंग, हरि फाटक ब्रिज के नीचे की बेशकीमती जमीन को कब्जा मुक्त करवाया चुका है. इसके अलावा कवेलू कारखाने की बेशकीमती जमीन को भी माफिया से मुक्त करवा दिया गया है. यदि सभी बेशकीमती जमीनों की अनुमानित कीमत का आकलन किया जाए तो यह डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक है.
क्या होगा जमीन का
शासकीय भूमि को माफिया से मुक्त करवा कर अलग-अलग कामों में इनका उपयोग किया जाना प्रस्तावित है. उज्जैन में माफिया मुक्त जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा जबकि उज्जैन विकास प्राधिकरण, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, उद्योग विभाग, पुलिस महकमा और राजस्व विभाग अलग-अलग आवश्यकतानुसार सरकारी जमीन पर का उपयोग करेगा.
2011 में हो गई थी शासकीय घोषित
उज्जैन जिले के बड़नगर की बेशकीमती जमीन साल 2011 में ही शासकीय घोषित हो गई थी. अभी तक इसपर किसी भी अधिकारी ने कब्जा लेने की कार्रवाई नहीं की. एसडीएम निधि सिंह ने बताया कि कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर गुरुवार को कब्जा ले लिया गया है. अब वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर भूमि के उपयोग को लेकर निर्णय लिया जाएगा.
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