Ujjain Mahakal Mandir Fire: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में होली की सुबह भस्म आरती में हुए हादसे के कारण 14 लोग घायल हो गए थे. गुरुवार (28 मार्च) को जांच दल अपनी रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष पेश करेगा. इसके बाद यह रिपोर्ट शासन के पास भेजी जाएगी. जांच दल की रिपोर्ट का महाकालेश्वर मंदिर के पंडित और पुरोहित ही नहीं बल्कि श्रद्धालुओं को भी इंतजार है.
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए मंदिर समिति द्वारा करोड़ों रुपए प्रतिवर्ष खर्च किया जाता है. इसके बावजूद होली की सुबह भस्म आरती के दौरान आगजनी की घटना में 14 लोग घायल हो गए, जिनमें तीन पुजारी भी शामिल हैं. घायलों का इलाज उज्जैन और इंदौर के अस्पताल में चल रहा है. सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
जांच में आला अधिकारी भी हैं शामिल
इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने दुख जताया था. हादसे के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार को उनके पास जांच रिपोर्ट आ जाएगी. इस रिपोर्ट आने के बाद भविष्य की व्यवस्थाओं को लेकर भी रणनीति तैयार की जाएगी.
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि प्राथमिक रिपोर्ट के बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, जबकि विस्तृत रिपोर्ट के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा. इस जांच दल में जिला पंचायत के सीईओ मृणाल मीना, एडीएम अनुकूल जैन सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है.
घटना की सीसीटीवी फुटेज किया जब्त
आगजनी की घटना की जांच करने वाले दल ने 50 से ज्यादा लोगों से बातचीत की. इनमें महाकालेश्वर मंदिर समिति के कर्मचारी, अधिकारी और पंडित-पुरोहित शामिल हैं. इसके अलावा घटना वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज को जब्त किया गया है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी. इसी के चलते जांच दल सभी बारीकियां पर ध्यान रख रहा है.
रोजाना 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते हैं दर्शन करने
महाकाल लोक निर्माण के बाद महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिदिन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में 10 गुना की बढ़ोतरी हुई है. महाकालेश्वर मंदिर में पूर्व में 20000 श्रद्धालु प्रतिदिन आते थे. हालिया अनुमान के मुताबिक, अब 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु प्रतिदिन मंदिर दर्शन करने आते हैं.
ऐसे में सुरक्षा कारणों की अनदेखी भारी पड़ सकती है. यही वजह है कि महाकालेश्वर मंदिर समिति, जिला प्रशासन, पुलिस महकमा मिलकर सुरक्षा कारणों की पूरी तरह से मॉनिटरिंग कर रहा है. जांच में आगजनी की घटना की मुख्य वजहों पर अधिकारी बारीकी नजर रख रहे हैं.
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