Mahakal: महाकालेश्वर मंदिर में बारिश का पानी रोकने के लिए लगेगा सेंसर, उज्जैन कलेक्टर ने दिया आदेश
Mahakal Mandir News: उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने महाकाल मंदिर के लिए अगले 10 सालों का एकीकृत प्लान बनाने का आदेश दिया है. इस दौरान उन्होंने मंदिर में पानी के निकासी की व्यवस्था का जायजा लिया.
Ujjain Mahakal Mandir New Today: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में जल भराव की स्थिति से निपटने के लिए सेंसर लगाने के निर्देश दे दिए गए हैं. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने गुरुवार (4 जुलाई) को महाकालेश्वर मंदिर में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया.
कलेक्टर द्वारा महाकाल महालोक के द्वितीय फेस के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया गया. इस दौरान निर्धारित समय सीमा में कामों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण
उल्लेखनीय है कि नंदी हॉल में नए मार्बल लगाया जाना प्रस्तावित है. कलेक्टर नीरज कुमार सिंह सिंह द्वारा महाराजवाड़ा से मंदिर तक जोड़े जाने वाली टनल में चल रहे निर्माण कार्य और भगवान महाकालेश्वर के शिखर दर्शन के लिए बनाए गए परिसर का अवलोकन किया गया.
परिसर में टनल के लिए बनाए गए डक्ट के आसपास रेलिंग लगाई जाने के निर्देश दिए गए. कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने सावन और भादो मास में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े, इसे लेकर भी मंदिर समिति के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
'10 सालों का बनाया जाए एकीकृत प्लान'
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि महाकालेश्वर मंदिर का आगामी 10 सालों का एकीकृत प्लान बनाया जाए. उन्होंने पानी की निकासी के लिए बनाई गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि मंदिर का जो भी निर्माण कार्य है, जिनके लिए जो कार्य योजना बनाई गई है उसे शासकीय अभिलेख में भी विधिवत दर्ज किया जाए.
कलेक्टर ने सेंसर लगाने के दिया आदेश
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने निर्देश दिया कि वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए बारिश का पानी जब तेज होने लगे, तो चैंबर के पास कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाए. जिससे वे सही समय पर पानी की निकासी करवा सके. उन्होंने कहा कि इससे मंदिर के गर्भ गृह और आंतरिक परिसर में पानी नहीं आ सकेगा.
बारिश का पानी रोकने को लेकर कलेक्टर नीरज सिंह आदेश दिया कि वर्षा का पानी अंदर आने से रोकने के लिए कुछ स्थानों पर सेंसर लगवाए जाएं, जो पानी का स्तर बढ़ने पर सक्रिय हो जाएं. रुद्र सागर में अगर जल स्तर बारिश के दौरान बढ़ता है, तो पंपिंग के माध्यम से बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था की जाए.
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