Mahakal Sawari: सावन के पांचवें सोमवार पर भगवान महाकाल ने होल्कर स्वरूप में दिए प्रजा को दर्शन, हरि और हर का हुआ मिलन
Mahakal Sawari: सावन मास के पांचवें सोमवार भगवान महाकाल ने होल्कर स्वरूप में दर्शन दिए. भगवान महाकाल की सवारी का शिव भक्तों ने पलक पावड़े बिछा कर स्वागत किया. इस दौरान हरिहर का मिलन भी हुआ.
Mahakal Sawari Update: श्रावण के पंचम सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले. सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में सर्व प्रथम भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया. इसके पश्चात भगवान की आरती की गई. पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया.
सवारी के निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति कुमार पुरुषोत्तम, श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी महाराज आरती में सम्मिलित हुए. पूजा अर्चना के बाद सवारी मुख्य द्वार पर पहुंची जहां पुलिस विभाग की ओर से भगवान महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद भगवान महाकाल परंपरागत मार्ग से रामघाट पर पहुंचे, जहां शिप्रा नदी के जल से उनका अभिषेक किया गया. भगवान महाकाल की सवारी का शिव भक्तों ने पुष्प वर्षाकर जोरदार स्वागत किया. भगवान महाकाल की कई स्थान पर आरती भी उतारी गई.
सवारी मार्ग में गुंजा जय श्री महाकाल का घोष
भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले. पूरे सवारी मार्ग में जय श्री महाकाल का उद्घोष हुआ. भगवान महाकाल की सवारी में इस बार भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिली. पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा ने बताया कि 1000 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा इंतजाम में लगाया गया था. इसके अलावा शहर की ऊंची बिल्डिंग से टेलिस्कोप द्वारा पूरे क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया गया.
गोपाल मंदिर पर हुआ हरि और हर का मिलन
जब भगवान महाकाल की सवारी द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के सामने से गुजरी तो वहां पर सवारी को रोककर भगवान की आरती की गई. यह अनूठा पल होता है जब हरी अर्थात भगवान विष्णु और हर अर्थात भगवान शिव का मिलन होता है. इसके बाद फिर सवारी पुनः महाकालेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई महाकालेश्वर मंदिर पहुंचने के बाद भगवान महाकाल की विधिवत पूजन और आरती की गई.