Mahakal Sawari: धार्मिक नगरी उज्जैन में सावन मास के साथ-साथ भादो मास में भी भगवान महाकाल प्रत्येक सोमवार प्रजा को दर्शन देने और उनके हाल-चाल जानने के लिए निकलते हैं. भादो मास के पहले सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी, जिसमें भगवान चंद्रशेखर रूप में प्रजा को दर्शन देंगे. 


महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि सावन मास की तरह भादो मास में भी अमावस तक भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है. भगवान महाकाल की भादो मास में दो सवारी निकलेगी भादो मास के पहले सोमवार भगवान महाकाल चंद्रशेखर रूप में दर्शन देंगे. उनके मस्तक पर चंद्रमा विराजित रहेगा. आशीष गुरु के मुताबिक भगवान शिव की आराधना देशभर में सावन और भादो मास में की जाती है. यह पर्व भादो मास की अमावस्या को समाप्त होता है. देश के कई हिस्सों में सावन की शुरुआत 15 दिन बाद होती है. यही वजह है कि भादो मास के 15 दिन को सावन पर्व से ही जोड़कर देखा जाता है. 


पूरे लाव लश्कर के साथ निकलेंगे राजाधिराज
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सावन के साथ-साथ भादो मास में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं. महाकालेश्वर मंदिर के समिति के अध्यक्ष कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक भादो मास में भी भगवान महाकाल की सवारी पूरे लाव लश्कर के साथ निकलेगी. भगवान महाकाल को परंपरा अनुसार मुख्य द्वार पर गॉड ऑफ ऑनर दिया जाता है. इसके बाद सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलती है. परंपरागत मार्ग से सवारी पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचती है. सावन मास की तरह भादो में भी सवारी के दौरान गाइडलाइन का पालन कराया जाता है. इन सबों के बीच पुलिस-प्रशासन की भी कड़ी निगरानी रहती है.


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