Ujjain Mahakal Temple: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के 16 पुजारियों को दान राशि से दिए जाने वाले 35% हिस्से को लेकर लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत की गई है. शिकायतकर्ता का कहना है कि पुजारियों को मंदिर का पार्टनर बनाकर 35 फीसद राशि दी जा रही है, जो कि नियम विरुद्ध है. इस मामले में फिलहाल जांच एजेंसियों की ओर से एक्शन लिए जाने की खबर नहीं है.


मंदिर के चढ़ावे में हो गई है 10 गुने से अधिक बढ़ोतरी  


उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक के निर्माण के बाद महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में 10 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. इसी तरह दान राशि में भी कई गुना की बढ़ोतरी हुई है. इस पूरे मामले में सारिका गुरु की ओर से आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और लोकायुक्त में शिकायत की गई है.


उनका कहना है कि महाकालेश्वर मंदिर में आने वाली दानराशि को गलत तरीके से पंडित और पुरोहितों को दिया जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाकालेश्वर मंदिर एक्ट में इस प्रकार का कोई नियम नहीं है कि मंदिर के पंडित और पुरोहित को दान राशि का इतना बड़ा हिस्सा दिया जाए.


अभी चढ़ावे के हिस्से के रूप में 1.75 करोड़ पहुंचा है पुजारियों के पास


इसी वजह से शिकायत जांच एजेंसियों के पास पहुंची. फिलहाल इस शिकायत पर कार्रवाई का इंतजार है. बताया जाता है कि हाल ही में दान के हिस्से की पौने दो करोड़ रुपये की राशि पुजारियों के पास पहुंची है. महाकालेश्वर मंदिर समिति को प्रतिदिन गर्भगृह और अन्य स्थानों पर रखी दान पेटी से लाखों रुपये की कमाई होती है. इस कमाई का 35% हिस्सा पुजारियों को दिया जाता है.


इसके अलावा, अभिषेक पूजन कराने वाले पुरोहितों को 75 % राशि दी जाती है. इसके अलावा उन्हें महाकालेश्वर मंदिर की ओर से वेतन भी दिया जाता है. शासकीय पुजारी को 21 हजार रुपये जबकि सहायक को 11 हजार रुपये वेतन मिलता है. एक व्यक्ति को दोहरा लाभ दिए जाने को लेकर भी शिकायतकर्ता की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है.


कांग्रेस के शासनकाल में बढ़ाई गई थी 10% राशि


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में पंडित और पुरोहितों को दी जाने वाली मंदिर की दान की राशि का 10% हिस्सा बढ़ाया गया था. पहले मंदिर के पुजारियों को 25 फीसद राशि मिलती थी लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में इसे बढ़ाकर 35% कर दिया गया. सारिका गुरु की ओर से बताया गया है कि यदि उनकी शिकायत पर कार्रवाई हुई तो महाकालेश्वर मंदिर समिति को प्रतिमाह लाखों रुपये का लाभ होगा. 


प्राचीन काल से ही चली आ रही है परंपरा


महाकालेश्वर मंदिर के आशीष पुजारी ने बताया कि प्राचीन समय से ही दान राशि का हिस्सा पुजारियों को दिए जाने की परंपरा चल रही है. इसके अलावा अभिषेक पूजन को लेकर पुरोहित परिवारों को राशि का हिस्सा दिया जाता है. उनका कहना है कि सारिका गुरु अपने पति को महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित एक मंदिर में पुजारी के रूप में स्थापित करना चाहती हैं, इसीलिए उनके स्तर से लगातार शिकायतें की जा रही हैं. पूर्व में  न्यायालय में भी उन्होंने शिकायत की थी. 


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