Mahakal Mandir Pujari on Ayodhya Ram Mandir Rules: अयोध्या के राम मंदिर में टीका लगाने और चरणामृत देने पर रोक लग गयी है. श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के फैसले पर अलग-अलग राय आ रही है. उज्जैन में बाबा महाकाल के पुजारियों ने भी मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ पंडितों ने फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है. पंडितों के दूसरे वर्ग ने फैसले का विरोध किया है. गौरतलब है कि राम मंदिर में चरणामृत देने, टीका लगाने और दान दक्षिणा के नियम सख्ती से लागू कर दिए गए हैं.


महाकालेश्वर मंदिर के पंडित महेश पुजारी ने फैसले को गलत बताया है. उन्होंने प्रतिबंध हटाए जाने की वकालत की है. पंडित महेश पुजारी ने सनातन धर्म और मंदिर की संस्कृति के मुताबिक चरणामृत वितरण और टीका लगाने को धार्मिक परंपराओं का हिस्सा बताया है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं की धार्मिक परंपराओं पर मुगल काल में रोक लगाई गई थी. वर्तमान समय में ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस संबंध में श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव को पत्र भी लिखा है. 


राम मंदिर में टीका लगाने और चरणामृत देने पर लगी रोक


दूसरी तरफ महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों का एक धड़ा प्रतिबंध को सही मानता है. संजय पुजारी का कहना है कि श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कुछ सोच समझ कर फैसला लिया होगा. उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं की तरफ से जल चढ़ाने का हवाला दिया. संजय पुजारी ने कहा कि बाद में भीड़ बढ़ने के कारण श्रद्धालुओं की तरफ से जल चढ़ाने को रोक दिया गया. इसी तरह श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखकर फैसला लिया गया होगा. ऐसे में मंदिर के निर्णय को चुनौती देना उचित नहीं है.


महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों की अलग-अलग प्रतिक्रिया


बता दें कि ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में पहले श्रीफल (नारियल) भी ले जाया जाता था. सुरक्षा कारणों से बाद में नारियल ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गर्भगृह में श्रद्धालुओं का जल चढ़ाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया. कुछ महीने पहले आगजनी की घटना के बाद भी महाकालेश्वर मंदिर में और भी कई नियम लागू कर दिए गए.


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