(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mahakal Darshan Today: मावे का श्रृंगार और जटाशंकर बन गए महाकाल, भस्मारती में मस्तक पर धारण किया सूर्य
Mahakaleshwar Ujjain: भगवान महाकाल को भांग के साथ आज सूखे मेवे और गाय के शुद्ध दूध से बने मावे से श्रृंगारित किया गया. भगवान का ऐसा रूप बेहद कम ही देखने को मिलता है.
Mahakal Darshan Today: गाय के दूध से बने शुद्ध मावे से जब राजाधिराज भगवान महाकाल का श्रृंगार (Mahakal Shringar Darshan) किया गया तो उन्होंने जटाशंकर के रूप में भक्तों को दर्शन दिए. इसी रूप में भगवान महाकाल शयन भी किया. अब ठंड से राहत के लिए भगवान महाकाल के मस्तक पर सूर्य देवता को विराजमान कराया गया है.
प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर (Mahakaleshwar) के दरबार में वर्ष भर अनूठी परंपराओं का निर्माण किया जाता है. जब भी प्राकृतिक आपदा या ऋतुओं को लेकर कोई परेशानी हो या फिर कोई संकट आया हो, भगवान महाकाल के दरबार में अलग-अलग श्रृंगार के माध्यम से भगवान को मनाया जाता है. महाकालेश्वर मंदिर के राम गुरु बताते हैं कि भगवान महाकाल के दर्शन खाली हाथ नहीं लौटता है. इसी वजह से यहां पर भक्तों का भी तांता लगा रहता है. भगवान महाकाल की शयन आरती के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु गदगद हो गए. भगवान महाकाल को भांग के साथ सूखे मेवे और गाय के शुद्ध दूध से बने मावे से श्रृंगारित किया गया. भगवान का ऐसा रूप बेहद कम ही देखने को मिलता है. भगवान महाकाल को जटाशंकर के रूप में सजाया गया. उनकी जटाओं में सूखे मेवे लगाए गए. निराकार रूप से साकार रूप में आए भगवान महाकाल ऐसे प्रतीत हो रहे थे कि मानो अभी प्रकट होकर भक्तों को मनोवांछित फल का आशीर्वाद दे देंगे.
भस्मारती में मस्तक पर सूर्य धारण
जैसे ही शयन आरती का श्रृंगार उतरा और भगवान महाकाल का पंचामृत पूजन के बाद श्रृंगार किया गया तो उनके मस्तक पर चंदन से सूर्य विराजमान कराए गए. देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. भगवान महाकाल मंदिर के पंडित और पुरोहित ने ठंड से राहत की गुहार लगाई है. महाकालेश्वर मंदिर के पंडित प्रदीप गुरु के मुताबिक भगवान महाकाल से विनती करते हुए कहा गया है कि ठंड से थोड़ी राहत मिले ताकि किसानों की फसल खराब ना हो, इसके अलावा आम लोगों को भी राहत पहुंच सके.
शिव भक्तों के लिए थोड़ी राहत
महाकालेश्वर मंदिर में नए वर्ष पर उमर जनसैलाब धीरे-धीरे कम हो गया है. अब शिव भक्तों को भगवान महाकाल के दर्शन आसानी से हो रहे हैं. इसके अलावा महाकाल लोक में भी भीड़ कम हो रही है. हालांकि शनिवार, रविवार, सोमवार को सबसे अधिक संख्या में भक्तों पहुंचते हैं. इसके बाद मंगलवार से शुक्रवार तक शिवभक्त आसानी से राजाधिराज भगवान महाकाल का आशीर्वाद ले सकते हैं.
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