Mahakal Lok Name Change: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के उद्घाटन के बाद 'महाकाल लोक' का नाम बदलकर उसे 'महाकाल महालोक' नाम दिया गया है. सोशल मीडिया पर यह बात तेजी से वायरल हो रही है, क्योंकि मामला प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) और देश के प्रधानमंत्री के उद्घाटन से जुड़ा है, इसलिए पूरे मामले की सच्चाई जानना बेहद जरूरी है. 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना के पहले चरण का उद्घाटन किया था.

 

पहले इस पूरे परिसर को महाकाल कॉरिडोर के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसका नाम श्री महाकाल लोक रख दिया गया है. सोशल मीडिया पर यह बात तेजी से वायरल हो रही है कि एक बार फिर महाकाल लोक का नाम परिवर्तित कर दिया गया है.

 

महाकाल लोक को अब महाकाल महालोक के नाम से जाना जाएगा. एक महीने के भीतर तीन बार नाम परिवर्तन किया जाना श्रद्धालुओं के लिए भी काफी चर्चा का विषय बन गया. हालांकि, जब पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह से एबीपी न्यूज ने बातचीत की तो सोशल मीडिया पर चल रही नाम परिवर्तन की खबर अफवाह साबित हुई.

 


 

दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद होगा फैसला: उज्जैन कलेक्टर

उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि श्री महाकाल लोक का नाम परिवर्तन करने जैसी कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है. दूसरे चरण का काम पूरा होगा तो उस समय दूसरे चरण के निर्माण कार्यों का नामकरण करने के संबंध में फैसला लिया जाएगा. अभी तक पहले चरण के निर्माण कार्य को श्री महाकाल लोक के नाम से ही पहचाना जा रहा है.

 

स्कंद पुराण के अवंती खंड में कई बार महाकालेश्वर मंदिर का जिक्र करते हुए आस-पास के क्षेत्र को महाकाल वन बताया गया. जब केंद्र की मनमोहन सरकार ने जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण योजना के तहत उज्जैन को सौगात दी थी, उस समय महाकाल मंदिर विस्तारीकरण योजना के लिए महाकाल वन प्रोजेक्ट के नाम से राशि दिए जाने का वादा किया था.

 

साधु संतों के सुझाव से रखा गया 'श्री महाकाल लोक' नाम

हालांकि, महाकाल मंदिर के आस-पास वन्य क्षेत्र नहीं होने की वजह से पूरे परिसर क्षेत्र को महाकाल वन का नाम नहीं दिया गया. महाकालेश्वर मंदिर विस्तारीकरण योजना के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण होने के बाद उद्घाटन के पहले शिवराज सरकार ने आम लोगों से लेकर साधु-संतों तक सभी से राय मशविरा करते हुए पूरे परिसर का नामकरण करने के सुझाव मांगे.

 

इसके बाद साधु-संतों और आम लोगों के सुझाव को दृष्टिगत रखते हुए परिसर का नाम श्री महाकाल लोक रखा गया है. एबीपी न्यूज की पड़ताल में महाकाल लोक का नाम परिवर्तन करने का मामला झूठ साबित हुआ है.