Ujjain: रंग पंचमी के मौके पर महाकाल के दरबार से निकले मन्नतों के ध्वज, जानें- क्या है इसकी मान्यता
Mahakaleshwar Templ: उज्जैन के महाकाल मंदिर मन्नतों के ध्वज निकाले गये. इस मौके पर कार्यक्रम में कलेक्टर आशीष सिंह और विधायक पारस जैन भी शामिल हुए.
Ujjain Mahakaleshwar Rang Panchmi Celebration: उज्जैन (Ujjain) के महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar) में रंग पंचमी के अवसर पर मन्नतों के ध्वज निकाले जाते हैं. यह ध्वज पूरे शहर में झांकी के रूप में निकलते हैं. बता दें कि जिला प्रशासन और सरकार की ओर से इन ध्वजों की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि मन्नत पूरी होने पर विजय पताका के रूप में ध्वज निकाले जाते हैं. महाकालेश्वर मंदिर में कुंवारा पंचमी, ऋषि पंचमी, बसंत पंचमी और रंग पंचमी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
क्या है मान्यता
महाकालेश्वर मंदिर के आशीष पुजारी बताते हैं कि राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में श्रद्धालु से लेकर सरकार तक झोली फैलाए आते हैं. जब भी कोई मन्नत मांगी जाती है और मन्नत पूरी होने पर रंग पंचमी पर ध्वज फहराने की मनोकामना भी मांगी जाती है. इसी के चलते रंग पंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर से मन्नतों के ध्वज निकलते हैं. यह परंपरा काफी प्राचीन है. कुछ श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने से पहले ही ध्वज निकालकर भगवान के प्रति कृतज्ञता अर्पित करते हैं. इस प्रकार मन्नत पूरी होने से पहले और पूरी होने के बाद विजय पताका के रूप में ध्वज निकाले जाते हैं. इस ध्वज की विधि पूजा भगवान महाकाल के सेनापति वीरभद्र के सामने होती है.
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कलेक्टर और सरकार की ओर से भी निकाला जाता है ध्वज
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह के मुताबिक महाकालेश्वर मंदिर समिति और जिला प्रशासन की ओर विश्व शांति और कल्याण के लिए प्रार्थना की गई है. इसके अलावा कोरोना की समाप्ति पर भगवान के प्रति आभार भी प्रकट किया गया है. इसी उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा ध्वज की पूजा कर चल समारोह में जिला प्रशासन का ध्वज भी शामिल किया गया है. इसी तरह उज्जैन उत्तर के विधायक और पूर्व मंत्री पारस जैन सरकार की ओर से निकाले गए ध्वज की पूजा की. उन्होंने बताया कि विश्व शांति के लिए प्रार्थना की गई है.
शास्त्र के साथ शस्त्र का भी प्रदर्शन
महाकालेश्वर मंदिर के ध्वज चल समारोह में पंडे पुजारियों द्वारा धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया जाता है. इस मौके पर निकलने वाले चल समारोह में शस्त्र का भी प्रदर्शन होता है. लाठी, तलवार आदि शस्त्र की कलाओं का ढोल धमाकों के बीच प्रदर्शन किया जाता है.