Mahakaleshwar Temple Ujjain: भगवान महाकाल के दरबार की परंपराओं में बदलाव मौसम को देखते हुए किया जाता है. गर्मी का मौसम शुरू होते ही भगवान महाकाल के लिए अनूठा उपाय किया जाता है. 11 मटकियों से जल को लगातार प्रवाहित कर भगवान महाकाल की गर्मी दूर की जाती है. गर्मी दूर करने की परंपरा केवल महाकालेश्वर मंदिर में ही देखने को मिलती है.


महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी बताते हैं कि भगवान महाकाल ने समुद्र मंथन के दौरान हलाहल का पान किया था. इस दौरान उनके शरीर में काफी गर्मी पैदा हो गई थी. उसी गर्मी को दूर करने के लिए शिवलिंगों पर जलाभिषेक किया जाता है.


भगवान महाकाल की गर्मी दूर करने के लिए उपाय


लोग कूलर, एयर कंडीशनर और अन्य माध्यमों से गर्मी कम करते हैं. उसी तरह भगवान महाकाल की गर्मी कम करने के लिए 11 मटकियां बांधी जाती हैं. परंपरा वैशाख माह से जेष्ठ माह तक निभाई जाती है. महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित भूषण गुरु का कहना है कि महाकालेश्वर मंदिर में जलाधारी के पास 11 मटकियों पर गंगा, यमुना, सरस्वती जैसी पवित्र नदियों का नाम भी लिखा जाता है.


11 मटकियों के जरिए भगवान महाकाल को विशेष भाव से जल अर्पित किया जाता है. माना जाता है कि तमाम पवित्र नदियों का जल मटकियों में भरकर अर्पित  किया जा रहा है. पंडित और पुरोहितों के मुताबिक मंदिर आने वाले श्रद्धालु भी अनूठी परंपरा की जानकारी हासिल कर जिज्ञासा शांत करते हैं.


ठंड मौसम में कराया जाता है गर्म पानी से स्नान


ठंड के महीनों में भगवान महाकाल को गर्म पानी से स्नान कराया जाता है. उसी तरह गर्मी के मौसम में भगवान पर शीतल जल अर्पित किया जाता है. महाकालेश्वर मंदिर के आशीष पुजारी बताते हैं कि परंपरा अनादि काल से चली आ रही है. भगवान महाकाल को ऋतु के अनुसार जल अर्पित किया जाता है. 


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