Ujjain Police: बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश सरकार के एक मंत्री का खास समर्थक विजय चंद्रावल आत्महत्या करने के लिए मुंबई पहुंचा था. लेकिन मुंबई के बदमाशों के साथ उसने मेलजोल बनाकर लूटपाट की वारदात को अंजाम देने का षड्यंत्र रचा. इस मामले में आरोपी शख्स और मुंबई के दो बदमाशों को उज्जैन पुलिस ने वारदात को अंजाम देते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया है. 


लूटपाट की वारदात को दिया अंजाम 


माधव नगर सीएसपी हेमलता अग्रवाल ने बताया कि महेश पिता नारायण दास संगदानी निवासी रविंद्र नगर के घर में दो बदमाश खुद को पुलिस वाला बताकर घुस गए. बदमाशों ने हथियार की नोक पर पूरे परिवार को बंधक बना लिया. इसके बाद उन्होंने लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया. बदमाश मौके से ₹1 लाख की नकदी, चांदी के सिक्के सहित अन्य सामान लूटकर भाग निकले.


इस बात की जानकारी महेश संगदानी के परिवार वालों ने पुलिस को दी. पुलिस ने सूचना के आधार पर चेकिंग अभियान चलाते हुए बदमाशों की कार पकड़ ली. जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. इस मामले में पुलिस ने वेद नगर में रहने वाले बीजेपी नेता विजय चंद्रावल को गिरफ्तार किया. 


MP News: मध्य प्रदेश में 5.21 लाख लोगों का 'अपना घर का सपना' हुआ पूरा, PM Modi ने वर्चुअली कराया गृह प्रवेश


आरोपी से ये सामान हुआ बरामद 


विजय के साथ मुंबई के जोगेश्वरी में रहने वाले जगदीश कुमार और ताराचंद को भी गिरफ्तार किया गया. आरोपियों के कब्जे से ₹100000 की नकदी, चांदी के सिक्के, एक पिस्टल, तीन जिंदा कारतूस, एक चाकू, सफेद रंग की कार सहित साढ़े ₹300000 का माल बरामद किया गया. आरोपी बीजेपी नेता विजय ने पुलिस को बताया कि वह कर्ज के बोझ तले दब गया था. अपना कर्ज नहीं चुकाने की वजह से वह डिप्रेशन में चला गया और आत्महत्या करने के लिए मुंबई गया था. इस दौरान उसकी पहचान दो आरोपियों से हुई. इसके बाद उन्होंने लूटपाट की योजना बनाई.


कोरोना ने तोड़ दी थी कमर


विजय चंद्रावाल ने पुलिस को बताया कि उसने लाखों रुपए का लोन लेकर जिम, कैफे हाउस और सलून खोला था लेकिन धीरे-धीरे सब बंद होने की कगार पर आ गए. कोरोना की वजह से उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा. उसके सभी प्रतिष्ठान किराए की दुकानों पर थे. इसकी वजह से उसे काफी नुकसान उठाना पड़ा. उस पर काफी कर्ज था जिसके कारण वह परेशान था. 


कौन है मास्टरमाइंड 


पुलिस के मुताबिक आरोपियों को ऐसी संभावना थी कि महेश के घर से 10 लाख रुपए की नगद उन्हें मिल जाएगी. बताया जाता है कि 12 साल पहले विजय फरियादी की सेठी नगर स्थित किराने की दुकान पर काम करता था. इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड भी विजय ही है.


ये भी पढ़ें-


Madhya Pradesh के बालाघाट में सबसे महंगा मिल रहा है पेट्रोल, ऑयल कंपनियों ने बताई ये वजह