Ujjain News: शिप्रा नदी किनारे मौलाना मौज दरगाह परिसर में निर्माण कार्य पर विवाद पैदा हो गया है. राम घाट के पंडित और पुरोहितों ने मोर्चा खोल दिया है. पंडित और पुरोहितों की आपत्ति पर दरगाह कमेटी का कहना है कि निर्माण कार्य वैध है और वक्फ बोर्ड से अनुमति मिली हुई है. उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे हजरत मौलाना मुगीसउद्दीन नाम से दरगाह और कब्रिस्तान है. दरगाह परिसर में गुंबद के निर्माण पर पंडित और पुरोहितों ने विरोध किया है. पंडित अजय दुबे का कहना है कि शिप्रा तट पर धार्मिक आयोजन होते हैं. सिंहस्थ महापर्व से लेकर कार्तिक पूर्णिमा, शनिचरी अमावस्या और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं.


शिप्रा तट पर अवैध निर्माण!


पंडित ने आरोप लगाया कि शिप्रा नदी किनारे वर्ग विशेष बिना अनुमति अवैध निर्माण करा रहा है. अवैध निर्माण की शिकायत नगर निगम सहित सरकार से की गई है. उनका कहना है कि गुंबद का निर्माण कार्य चालू है. राम घाट पर आने वाले श्रद्धालु भी अवैध निर्माण से नाराज हैं. भोपाल के रहने वाले आर्यन कटारिया ने बताया कि पहले गुंबद का निर्माण नहीं हुआ था लेकिन अब निर्माण हो चुका है. उनकी मांग है कि अवैध निर्माण नहीं होना चाहिए.


दरगाह कमेटी ने दी सफाई


विवाद पर दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों का कहना है कि वक्फ बोर्ड से अनुमति ली गई है. नगर निगम में भी नक्शा पास करने के लिए आवेदन दे रखा है. दरगाह कमेटी अवैध निर्माण की बात से भी इंकार कर रही है. दरगाह कमेटी के अध्यक्ष  सैयद शहजादा भय्यू भाई का कहना है कि 8 महीने से दरगाह परिसर में कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है. 8 महीना पहले उर्स के दौरान दरगाह की जरूर रंगाई पुताई की गई थी.


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