Ujjain Mayor Election: मेयर पद के लिए बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने सामने, जानें- कौन किस पर भारी?
Ujjain News: उज्जैन के पूर्व महापौर की बात की जाए तो यहां से मदनलाल ललावत, रामेश्वर अखंड, सोनी मेहर और मीना जोनवाल लगातार चार महापौर बेरवा समाज से जीत कर आए हैं.
Ujjain Mayor Candidate: भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने धार्मिक नगरी उज्जैन (Ujjain) में महापौर पद के लिए प्रत्याशियों घोषित कर दिए हैं. दोनों ही प्रत्याशी महापौर बनने के बाद जनता को वादों पर खरा उतरने का भरोसा दिला रहे हैं. दोनों ही जनता के बीच कई वादे भी कर रहे हैं. इसके अलावा वे खुद को एक दूसरे से सर्वश्रेष्ठ बताने में भी पीछे नहीं हैं.
बेरवा समाज से आते हैं बीजेपी प्रत्याशी
उज्जैन में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने महापौर पद के लिए अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी मुकेश टटवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है. टटवाल बेरवा समाज से आते हैं. वहीं पूर्व महापौर की बात की जाए तो यहां से मदनलाल ललावत, रामेश्वर अखंड, सोनी मेहर और मीना जोनवाल लगातार चार महापौर बेरवा समाज से ही जीत कर आए हैं. इनमें सोनी मेहर कांग्रेस से महापौर चुनी गई थीं, जबकि अन्य प्रत्याशी बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर जीतकर आए थे.
टटवाल ने जनता से किए वादे
बीजेपी प्रत्याशी मुकेश टटवाल को भरोसा है कि बीजेपी संगठन और जनता बेरवा समाज के ही जनप्रतिनिधि को महापौर बनाएगी. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से बोर्ड भंग हो जाने की वजह से लोगों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. नया बोर्ड जनता की सारी परेशानियों को दूर करेगा. उन्होंने कहा कि उज्जैन संभावनाओं से भरा है और यहां पर जो विकास कार्य चल रहा है जीतने के बाद उसमें तेजी लाई जाएगी.
मुकेश टटवाल की ताकत-कमजोरी
बीजेपी प्रत्याशी मुकेश टटवाल की ताकत की बात करें तो उज्जैन में लगातार बेरवा समाज के प्रत्याशियों का कई महापौर बनना सबसे बड़ी ताकत में शामिल है. वहीं इसके अलावा संगठन मजबूत होने के साथ-साथ सरल स्वभाव उनकी ताकत में शामिल है. जबकि उनकी कमजोरी की बात करें तो उन्होंने अभी तक किसी भी पद पर कोई चुनाव नहीं लड़ा है. ये टटवाल की एक बड़ी कमजोरी माना जा रहा है. इसके अलावा बीजेपी में भी कई दावेदार होने की वजह से भितरघात का भी डर है.
विधायक के बाद महापौर पद की रेस में परमार
कांग्रेस प्रत्याशी विधायक महेश परमार ने बीजेपी प्रत्याशी का नाम घोषित होने से पहले ही जनसंपर्क शुरू कर दिया है. वे पूरे शहर का भ्रमण कर रहे हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि उज्जैन में जलजमाव, गंदगी, विकास कार्यों में धीमी गति, नालों की समस्या कई सालों से लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रही है. अगर वे चुनाव जीतते हैं तो इन परेशानियों से निजात दिलाई जाएगी. हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि विधायक पद भी बड़ा है, विधायक पद पर रहते हुए विकास कार्य क्यों नहीं हो सकते? इस सवाल को लेकर विधायक महेश परमार गोलमोल जवाब दिया. उन्होंने इतना जरूर कहा कि इस बार जनता कांग्रेस पर भरोसा करने वाली है.
महेश परमार की ताकत-कमजोरी
कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार की अगर ताकत की बात करें तो वो विधायक के पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष सहित कई पदों पर रह चुके हैं. उनका लंबा राजनीतिक सफर है. उन्हें राजनीति का ज्ञान होने के साथ-साथ युवाओं में गहरी पकड़ है. वहीं उनकी कमजोरी को देखा जाए तो उज्जैन में कांग्रेस कई धड़ों में बंटी हुई है. महापौर पद के लिए कई प्रत्याशी मैदान में थे. एक जनप्रतिनिधि को 2 पदों पर लड़ाने की विरोध की आवाज भी अंदरूनी तौर पर उठ रही है.