MP News: मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में लाखों रुपये का भ्रष्टाचार पकड़ाया है. मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से जांच करवाई जा रही है. शिकायतकर्ता का कहना है कि भ्रष्टाचार का जाल उज्जैन के अलावा मध्य प्रदेश तक फैला है. जांच पूरी होने के बाद बड़े खुलासे होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि समझौता शुल्क भरवा कर बिजली चोरी प्रकरण का बाबू ही निपटारा कर देता था. मामले की अधिकारियों को भनक भी नहीं लग पाती थी.
शिकायतकर्ता एडवोकेट मकसूद अली ने बताया कि अभी तक 45 मामले सामने आ चुके हैं. उन्होंने बिजली चोरी पर लाखों की हेराफेरी के चार मामलों की शिकायत अधिकारियों से की थी. बिजली कंपनी ने शिकायत मिलने के बाद बड़ी कार्रवाई की. वल्लभनगर जोन के क्लर्क भगवान सिंह भाटी को हटा दिया गया है. मकसूद अली का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के फैसले को भी बाबू रफा दफा कर देता था.
ऐसे निपटाया जाता था मामला
बिजली चोरी का बड़ा प्रकरण सामने आने पर लोक अदालत तक बाबू पहुंच जाता था. वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी भी नहीं होती थी. समझौता शुल्क भरवा कर बिजली कंपनी को लाखों रुपये की चपत बाबू लगा देता था. शिकायत पहुंचने पर वरिष्ठ अधिकारियों की हैरानी का ठिकाना नहीं रहा. मामले की जांच रिपोर्ट एक-दो दिन में आने की संभावना है.
जांच रिपोर्ट का हो रहा इंतजार
चौंकाने वाली बात है कि बिजली चोरी का मामला लोक अदालत में पहुंचने पर नियमानुसार कंपाउंड शुल्क 7 हजार रुपये लेना आवश्यक होता है. कंपाउंड शुल्क भी उपभोक्ताओं से नहीं लेकर विद्युत वितरण कंपनी को चूना लगाया गया. उज्जैन के मुख्य अभियंता बीएल चौहान ने बताया कि अभी रिपोर्ट का इंतजार है. उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने के बाद जांच सौंप दी गई है. जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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