मध्यप्रदेश में शहर और तहसीलों के नाम ही नहीं बल्कि अलग-अलग स्थानों के नाम भी बदलने की बयार चल रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में नसरुल्लागंज को भेरूंदा नाम दिया है. इसके पहले एमपी में होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदा पुरम कर दिया गया था. वहीं, छोटे-छोटे क्षेत्रों के नाम भी बदले गए हैं. धार्मिक नगरी उज्जैन में पंडित प्रदीप मिश्रा ने शंकराचार्य चौराहे के नजदीक मुल्लापुरा इलाके में सात दिनों की शिव महापुराण कथा सुनाई, जिसके बाद समापन अवसर पर यह स्थान मुल्लापुरा से मुरलीपुरा के रूप में तब्दील हो गया. उज्जैन के महापौर और कथा आयोजन समिति के सदस्य मुकेश टटवाल की मौजूदगी में शिलालेख का लोकार्पण किया गया.
ऐसे हुआ मुल्लापुरा का नाम मुरलीपुरा
उज्जैन के महापौर मुकेश कटवाल ने बताया कि पिछले दिनों नगर निगम में सदन आयोजित किया गया था. जहां पर एक पार्षद ने यह प्रस्ताव रखा था कि मुल्लापुरा इलाके का नाम परिवर्तित करते हुए मुरलीपुरा रखा जाए. इस प्रस्ताव पर पूरे सदन ने सहमति जताते हुए प्रस्ताव को पास कर दिया. इसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा इस क्षेत्र में आयोजित की गई और उन्हीं के हाथों से ही नाम बदलवाया गया.
नगर निगम को नाम बदलने का है अधिकारी- महापौर
महापौर मुकेश टटवाल ने बताया कि नगर पालिका क्षेत्र में आने वाले स्थानों के नाम परिवर्तन का अधिकार नगर पालिका निगम को होता है. इसके लिए सदन में सहमति जरूरी है. सदन में प्रस्ताव पास होने के बाद विधिवत जानकारी शासन तक पहुंचा दी जाती है. शासन की ओर से गजट नोटिफिकेशन के बाद औपचारिक रूप से नाम परिवर्तन हो जाता है, लेकिन नगर निगम अपने रिकॉर्ड में प्रस्ताव पास होने के बाद नाम दर्ज कर सकता है. यही वजह है कि मुल्लापुरा का नाम नगर निगम के रिकॉर्ड में अब मुरलीपुरा के नाम से अंकित किया जाएगा.
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