Ujjain News: उज्जैन में महाअष्टमी पर देवी-देवताओं को कराया जाता है भोज, कलेक्टर खुद चढ़ाते हैं मदिरा
MP News: उज्जैन में महाष्टमी पर्व पर देवताओं को भोज कराया जाता है. नगर भोज जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जाता है. यह पूजा शहर के 27 किलोमीटर लंबे मार्ग पर लगातार 14 घंटे तक चलती रहती है.
Madhya Pradesh News: देशभर के शहरों में नवरात्रि की महाअष्टमी और नवमी पर्व पर कन्या भोज व भंडारे का आयोजन किया जाता है. वहीं भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain) में महाष्टमी पर्व पर देवताओं को भोज कराया जाता है. यह नगर भोज सरकार की ओर से जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जाता है. कलेक्टर पूजा की शुरुआत करते हैं. इसके बाद पूजा शहर के 27 किलोमीटर लंबे मार्ग पर लगातार 14 घंटे तक चलती रहती है.
चढ़ाई जाती है मदिरा
महाअष्टमी पर्व पर सोमवार को उज्जैन के चौबीस खंबा माता मंदिर पर महामाया और महालाया माता की पूजा की गई. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने विधि वधान से पूजा अर्चना कर नगर पूजा की शुरुआत की. इस दौरान माता को मदिरा का भोग भी लगाया गया. कलेक्टर द्वारा औपचारिक शुरुआत के बाद यह पूजा शहर के 27 किलोमीटर लंबे मार्ग के लिए निकली. इस मार्ग पर आने वाले विभिन्न मंदिरों पर भोग लगाने की परंपरा है. मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि यह परंपरा सम्राट विक्रमादित्य काल से चली आ रही है. नगर, प्रदेश और देश की खुशहाली, सुख-समृद्धि के लिए नगर पूजा का आयोजन किया जाता रहा है. नगर पूजा का समापन रात्रि में हांडी भैरव महाराज मंदिर पर होता है. नगर पूजा के दौरान पूरे शहर में मदिरा की धार चढ़ती है. इसके अलावा मार्ग में पड़ने वाले मंदिरों में पूरी, भजिए, चने आदि का मंदिरों में भोग लगाया. पूजा में होने वाला समस्त खर्च जिला प्रशासन की ओर से उठाया जाता है.
तांत्रिक स्थान होने का कारण विशेष महत्त्व
धार्मिक नगरी उज्जैन में चक्रतीर्थ सहित कई ऐसे तांत्रिक स्थान है. यहां पर प्राचीन समय से ही कार्य सिद्धि के लिए तामसी पूजा होती आई है. सम्राट विक्रमादित्य काल से ही नगर पूजा चली आ रही है. पुजारी नरेंद्र के मुताबिक यदि कोई देवी देवता भोग की अपेक्षा रखता है तो उसे नगर पूजा के दौरान भोग लगाया जाता है. यह यात्रा 56 भैरव से होती हुई नगर के प्रमुख मंदिरों में भोग लगाते हुए संपन्न होती है.
कोरोना काल में की गई थी माता की पूजा
उज्जैन में कोरोना काल के दौरान भयावह स्थिति निर्मित हो गई थी. शहर के हालात लगातार बिगड़ते चले जा रहे थे. उस दौरान पंडे पुजारियों और आम लोग श्रद्धालुओं की ओर से चौबीस खंबा माता की पूजा का प्रस्ताव रखा गया. इस दौरान उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने माता की पूजा अर्चना की जिसके बाद धीरे-धीरे कोरोना का प्रकोप कम हो गया. यही वजह है कि लोगों के बीच आस्था का अटूट विश्वास विपरीत परिस्थितियों में काफी कारगर साबित हुआ है.
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