Ujjain News: उज्जैन जिले के देहात की रहने वाली कक्षा नौवीं की छात्रा की टीकाकरण के बाद मौत हो गई इस मामले में छात्रा के परिजनों द्वारा कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीकाकरण के एक दिन बाद यह घटनाक्रम घटित हुआ है. इस मौत की दुखद घटना का टीकाकरण से कोई लेना देना नहीं है. 


वैक्सीन के बाद छात्रा की बिगड़ी तबियत
उज्जैन जिले के तराना तहसील के बिशन खेड़ी गांव में रहने वाली अनुराधा मकवाना पिता भगवान सिंह मकवाना 16 साल उच्च शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तराना की कक्षा नौवीं की छात्रा थी. टीकाकरण के बाद अनुराधा की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे गहन उपचार के लिए उज्जैन लाया जा रहा था. इस दौरान उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. अनुराधा के पिता भगवान सिंह मुख्य रूप से कठड़ी गांव के रहने वाले हैं,  जबकि छात्रा अनुराधा अपने मामा मेहरबान सिंह के यहां रहकर पढ़ाई कर रही थी. मेहरबान सिंह के मुताबिक छात्राओं को गुरुवार को टीका लगा था, जिसके बाद वह घर भी नहीं पहुंच पाई. रास्ते में ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और खेत में बेहोशी की अवस्था में पाई गई, जिसके बाद उसे तराना अस्पताल ले जाया गया,  जहां चिकित्सकों ने गहन उपचार के लिए उसे उज्जैन रेफर कर दिया. जब उज्जैन ले जाया जा रहा था तो रास्ते में अनुराधा ने दम तोड़ दिया. इसी प्रकार का आरोप छात्रा के पिता भगवान सिंह का भी है. उनका भी कहना है कि टीकाकरण से ही अनुराधा की तबीयत बिगड़ी थी. इस घटना से स्वास्थ्य अमले में भी हड़कंप मच गया.




विधायक ने की जांच की मांग 
तराना के कांग्रेस विधायक महेश परमार घटना के बाद अस्पताल पहुंचे. उन्होंने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. विधायक महेश परमार का कहना है कि टीकाकरण बच्चों के लिए भी आवश्यक है लेकिन अनुराधा की मौत अलग विषय है. इस मामले में निष्पक्षता से जांच होना चाहिए, अगर इस मामले में कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जानी चाहिए. इस संबंध में उनके द्वारा उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह से भी जांच की मांग की गई है.


वैक्सीन के कारण नहीं गई छात्रा की जान
तराना के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ राकेश जाटव ने बताया कि छात्रा अनुराधा का टीकाकरण बुधवार को हुआ था और उनकी तबीयत गुरुवार को बिगड़ी है. उन्होंने बताया कि तराना में ही साढ़े छह हजार बच्चों को टीकाकरण हो चुका है. शासकीय अस्पताल के सामने ही शासकीय विद्यालय है, जहां पर टीकाकरण हो रहा है. बुधवार को ही छात्रा अनुराधा का रजिस्ट्रेशन हुआ था और उसी दिन उसका टीकाकरण भी हुआ है, यह सब कुछ रिकॉर्ड में दर्ज है. छात्रा की मौत किन कारणों के चलते हुई है ? इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हो पाएगा. उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगने की आधे घंटे बाद तक विद्यार्थियों को स्कूल में ही मॉनिटरिंग में रखा जाता है. टीके के जो भी प्रभाव है, उसी समय सामने आ जाते हैं. 24 घंटे के बाद कोई घटनाक्रम घटित होना अलग बात है. डॉक्टर जाटव ने यह भी कहा कि परिजन क्यों इस प्रकार के आरोप लगा रहे हैं ? इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है.


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