उज्जैन में भी कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. प्रशासनिक अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में दवा बाजार में लोगों की लगातार भीड़ देखने को मिल रही है. उज्जैन के दवा बाजार में पूरे संभाग से कारोबारी आते हैं. दवा बाजार में बुखार की दवाओं की बिक्री में इजाफा हो रहा है. खासतौर पर बुखार की दवा की बिक्री 20 फीसद तक बढ़ गई है. थोक व्यापारी मोहनलाल भंडारी के मुताबिक जिस तरह कोरोना की पहली लहर में धीरे-धीरे बुखार की दवाओं का ट्रेंड बड़ा था, उसी तरह धीरे-धीरे बुखार की दवाओं की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है.


दवा बाजार में बढ़ी व्यापारियों की भीड़


इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अभी फेवी फ्लू टैबलेट की बिक्री नहीं हो रही है. कोरोना की दूसरी लहर में जरुर फेवी फ्लू की बिक्री जोरों पर हुई थी. राहत देने वाली बात है कि किसी भी दवा की शॉर्टेज दिखाई नहीं दे रही है. भंडारी ने बताया कि उज्जैन शहर ही नहीं बल्कि शाजापुर, आगर, रतलाम, मंदसौर, नीमच के व्यापारी भी लगातार बुखार, सर्दी खांसी से जुड़ी दवाओं के आर्डर लिखवा रहे हैं.


कंपनियों ने भी अपना प्रोडक्शन तेज कर दिया है. हालांकि अभी बड़े पैमाने पर इसका असर देखने को नहीं मिल रहा है लेकिन थोड़ी चिंता जरुर हो रही है. उज्जैन के दवा बाजार की बात की जाए तो 200 से 300 किलोमीटर तक दवाओं का थोक व्यापार किया जाता है. एक अनुमान के मुताबिक पहली और दूसरी लहर में दवा बाजार से 100 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ था. इस बार भी व्यापार में उछाल आ रहा है. 


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