Fact Check: सोशल मीडिया पर उज्जैन में एक ही नंबर की दर्जनों गाड़ियां चलने की खबर तेजी से फैल रही है. इन गाड़ियों को स्मार्ट सिटी के कैमरे में कैद भी कर लिया गया. वायरल खबर की पड़ताल की गई तो कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई. उज्जैन में स्मार्ट सिटी कार्यालय से शहर के प्रमुख चौराहों की यातायात व्यवस्था को कैमरे के जरिए मॉनिटर किया जाता है. इन कैमरों की मदद से यातायात नियमों का पालन नहीं करनेवालों के बकायदा चालान भी काटे जाते हैं. इस दौरान प्रमुख चौराहों पर यातायात व्यवस्था को लेकर कई बिंदुओं पर मॉनिटरिंग की जाती है. इस बीच ये खबर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है कि उज्जैन में एक ही नंबर की दर्जनों गाड़ियां दौड़ रही हैं.


कहा जा रहा है कि एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों को स्मार्ट सिटी के कैमरे में कैद कर लिया गया है. वायरल खबर की अलग-अलग बिंदुओं से पड़ताल के लिए सबसे पहले स्मार्ट सिटी कार्यालय में संपर्क किया गया. कार्यालय में मौजूद पुलिसकर्मी और अन्य कुछ लोगों ने तस्दीक की कि कुछ गाड़ियां एक ही नंबर की होने की बात सामने आई है. आरटीओ संतोष मालवीय ने बातचीत में बताया कि ये संभव नहीं है. गाड़ियों के नंबर एक जैसे हो सकते हैं लेकिन गाड़ियों की सीरीज अलग-अलग होती है. पूरे देश में एक ही नंबर के दो वाहन कभी नहीं हो सकते हैं. इस प्रकार सीरीज और नंबर एक जैसे दो वाहनों पर लिखकर गाड़ी चलाना अपराध है.




अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र सिंह ने बताया कि अगर एक ही नंबर से दो गाड़ियां चलाना सीधे-सीधे धोखाधड़ी है. ऐसे मामले में धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है. धोखाधड़ी के इस प्रकरण में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. अमरेंद्र सिंह का दावा है कि उज्जैन में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के साथ-साथ यातायात का अमला संयुक्त रूप से लगातार कार्रवाई करता है. अभी तक उज्जैन में ऐसा कोई मामला औपचारिक रूप से प्रकाश में नहीं आया है.


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