उज्जैन: भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में शिव भक्तों पर रंग पंचमी का ऐसा उत्साह छाया रहा,जिसे देखकर श्रद्धालु आनंदित हो उठे.भगवान महाकाल ने टेसू के फूलों से तैयार किए गए रंग से होली खेली. वहीं भक्तों ने भी राजाधिराज भगवान महाकाल के साथ होली खेल कर खुद को धन्य माना.
भगवान महाकाल की भस्म आरती
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रंग पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है.अलसुबह भगवान महाकाल के दरबार में भस्म आरती हुई. इसमें भगवान महाकाल को टेसू के फूलों से तैयार किए गए रंग से स्नान कराया गया.इसके अलावा दूध, दही और जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया.इसके बाद फलों के रस से भी उन्हें स्नान कराया गया.भस्म आरती में भक्तों ने भगवान के साथ जमकर होली खेली.मंदिर के पंडे-पुजारियों ने भक्तों पर गुलाल और रंगों की बौछार कर दी.
महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि 15 दिन पूर्व से होली और रंग पंचमी पर्व को लेकर तैयारी की जाती है.महाशिवरात्रि के पर्व के बाद आने वाले इस त्योहार को लेकर भक्त भी काफी उत्साहित रहते हैं.देशभर के श्रद्धालु भगवान महाकाल के साथ होली खेलने के लिए उज्जैन आते हैं.वर्ष भर में एक बार ऐसा अवसर आता है जब भक्त और भगवान के बीच होली पर्व की रंगत देखने को मिलती है.इस बार कोरोना प्रतिबंध हटने की वजह से भक्तों की संख्या में काफी अधिक बढ़ोतरी हुई.इसके अलावा श्रद्धालुओं ने मंदिर में होली खेलकर खूब आनंद की अनुभूति की.
प्राकृतिक रंगों से रंग पंचमी का संदेश
महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि होली का पर्व प्राकृतिक रंगों से और भी खूबसूरत हो जाता है.महाकालेश्वर मंदिर से हर साल फूलों से तैयार होने वाले रंग से होली खेल कर प्रकृति प्रेम और पर्यावरण का भी संदेश दिया जाता है.इस बार भी मंदिर में प्राकृतिक फूलों से ही होली खेली गई.
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