Ujjain News: उज्जैन में वैक्सीन लगने के बाद छात्रा की मौत मामले में कलेक्टर आशीष सिंह ने बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा है कि छात्रा की मौत वैक्सीन लगने से नहीं हुई बल्कि मौत का कारण कुछ और ही है. उन्होंने दावा किया कि इसका खुलासा शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में हो गया है. उज्जैन के तराना में नौवीं कक्षा की छात्रा अनुराधा मकवाना की वैक्सीन लगने के बाद तबियत बिगड़ने से मौत हो गई थी. इस मामले में अनुराधा के शव का पोस्टमार्टम भी कराया गया.


पीएम रिपोर्ट में वैक्सीन से मौत का कारण साफ नहीं


उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पोस्टमार्टम में वैक्सीन से मौत का कारण साफ नहीं हुआ. हालांकि इस मामले में विस्तृत जांच के लिए बिसरा सागर लैब भेजा गया है. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि उज्जैन जिले में 15 से 18 वर्षीय 1 लाख 23000 छात्रों को वैक्सीन लगना है. इनमें से 58000 छात्रों का टीकाकरण हो चुका है. टीकाकरण में अभी तक किसी प्रकार की कोई शिकायत सामने नहीं आई है. अनुराधा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तराना की छात्रा थी. इस सेंटर पर भी सैकड़ों की संख्या में छात्रों को वैक्सीन लगाए गए. तराना तहसील में 6500 छात्रों का टीकाकरण हो चुका है.


अभिभावकों से बच्चों को सुरक्षित करने की अपील


इससे स्पष्ट है कि वैक्सीन की वजह से कोई परेशानी सामने नहीं आई. उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने अभिभावकों से अपील की है कि किसी प्रकार की भ्रामक जानकारी में ना आएं और बच्चों को सुरक्षित करने के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि पहले भी देखने को मिला है कि जिन्हें वैक्सीन लगी थी, कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद घर पर ही ठीक हो गए. उन्हें अस्पताल तक पहुंचने की आवश्यकता नहीं पड़ी. इसी प्रकार का अनुभव तीसरी लहर में भी देखने को मिल रहा है. जिन लोगों को वैक्सीन लगी है और संक्रमित हो गए हैं तो उन्हें अधिक खतरा नहीं हो रहा है. इसलिए 15 से 18 वर्षीय छात्रों को खासतौर पर वैक्सीन समय से लगवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.


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