Ujjain News: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में हर दूसरा ऑटो अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा था. जब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के अधिकारियों ने सड़क पर उतर कर पड़ताल शुरू की तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई. सरकार को इस अवैध संचालन से लाखों रुपए का नुकसान हो रहा था. इन ऑटो में सवारी करने वालों का सफर भी काफी जोखिम भरा था. हाई कोर्ट की फटकार के बाद उज्जैन में भी बेलगाम ऑटो के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. उज्जैन में यातायात पुलिस और आरटीओ संयुक्त रूप से कार्रवाई कर रही है. चेकिंग अभियान के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए.
बेलगाम ऑटो के खिलाफ उज्जैन में भी कार्रवाई
आरटीओ संतोष मालवीय ने बताया कि अभी तक लगभग बिना दस्तावेजों के 90 ऑटो को जब्त कर लिया गया है और शहर के अलग-अलग थानों में खड़ा करवाया गया है. इसके अलावा अभी भी संयुक्त अभियान जारी है. उज्जैन में लगभग 3000 ऑटो संचालित होने की जानकारी मिली है. इनमें से लगभग 40 फीसदी ऑटो अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं. आरटीओ मालवीय के मुताबिक, जब फील्ड पर उतर कर जांच की गई तो हर दूसरे ऑटो में दस्तावेज नहीं मिले. इस मामले में यातायात पुलिस अलग से कार्रवाई कर रही है.
अवैध ऑटो से राजस्व की हानि का अनुमान
आरटीओ ने अंदाजा लगाया कि अवैध रूप से चल रहे ऑटो के खिलाफ कार्रवाई से राजस्व लगभग 7500000 रुपए के बराबर होगा. उन्होंने बताया कि ऑटो का संचालन करने के लिए सबसे पहले परमिट और फिटनेस के साथ-साथ क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पंजीकृत दस्तावेजों की जरूरत होती है. इसके अलावा वाहन चालक के साथ-साथ उस में बैठने वाली सवारी का भी बीमा होता है. फिलहाल जब्त किए गए ऑटो में से ज्यादातर के पास उज्जैन शहर में वाहन चलाने का परमिट तक नहीं था. आरटीओ संतोष मालवीय के मुताबिक जब गाड़ी के परमिट और फिटनेस के साथ-साथ अन्य दस्तावेज नहीं होते हैं, तो ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी दुर्घटना बीमा भी नहीं देती है. इससे साफ है कि अगर बिना दस्तावेजों के संचालित हो रहे ऑटो दुर्घटनाग्रस्त होने पर ऐसी परिस्थिति में वाहन चालक और सवारी को किसी प्रकार की बीमा राशि सहायता भी नहीं मिलेगी.
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