MP NEWS: बिचौलियों से बचकर अधिक नुकसान से बचने के लिए किसान सब्जी मंडियों में ही अपनी दुकान लगाकर सब्जी बेच रहे हैं. यह बदलाव इसलिए देखने में आ रहा है क्योंकि मध्य प्रदेश की मंडियों में सब्जियों के दाम बहुत कम है. जिन किसानों ने सब्जियों की पैदावार की है उनके हाल बेहाल हो गए हैं. यहां तक कि कई सब्जियों के खेत से मंडी तक ले जाने के भाड़े तक नहीं निकल पा रहे हैं.
इन दिनों मध्य प्रदेश की सब्जी मंडियों में अपनी सब्जियां लाने वाले किसानों के आंसू निकल रहे हैं. सब्जियों के दाम में 70 फ़ीसदी की कटौती हुई है. मेथी, पालक, गिलकी, पत्ता गोभी, फुल गोभी आदि सब्जियों के दाम 5 से 10 रुपये प्रति किलो से भी कम हो गए हैं. थोक सब्जी मंडी में दाम में आई गिरावट का असर फुटकर बाजार में अधिक देखने को नहीं मिल रहा है. हालांकि फुटकर बाजार में भी दाम में गिरावट जरूर आई है. सब्जी व्यापारी आरिफ खान के मुताबिक सब्जियों के दाम कम होने की सबसे बड़ी वजह सब्जियों की बंपर आवक है. यह दाम दिसंबर के साथ साथ जनवरी माह में भी कम ही रहने की संभावना है. उज्जैन की सब्जी मंडी में खरीदी करने आई ग्रहणी सविता सिंह ने बताया कि सब्जी के दाम में गिरावट आई है. यह उनके लिए अच्छी खबर है. सब्जियां ताजी और उच्च क्वालिटी की मिल रही है, जबकि दाम पहुंच के अंदर है.
सब्जी मंडी में किसानों की दुकान
उज्जैन की सब्जी मंडी में फूलगोभी बेचने आए चंद्रावतिगंज के राहुल चौधरी ने बताया कि वह खुद थोक मंडी में फुटपाथ पर दुकान लगाकर फूलगोभी बेच रहे हैं. राहुल के मुताबिक किसानों को इस बार सब्जियों की फसल में काफी नुकसान हुआ है. फूलगोभी 5 रुपये किलो में बिक रहा है जबकि व्यापारी 5 रुपये में भी खरीदने को तैयार नहीं है. इसलिए उन्हें खुद दुकान लगाकर सब्जी बेचनी पड़ रही है. राहुल का यह भी कहना है कि बिचौलियों से बचने के लिए कई किसान सब्जी मंडी में दुकान लगाकर खुद सब्जियां बेच रहे हैं.
दाम को लेकर किसान व्यापारियों के कारण अलग
किसान राहुल के मुताबिक सब्जी के दाम का सबसे बड़ा असर मौसम की वजह से पड़ा है. मौसम के कारण सब्जियां लगातार खराब हो रही है इसलिए किसान जल्दी सब्जियां बेचने की कोशिश कर रहा है, जिससे दाम नहीं मिल पा रहा है. वहीं व्यापारी संतोष माली के मुताबिक मंडी में सब्जी की बंपर आवक के कारण दाम में कमी आ रही है. इस बार किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है जबकि व्यापारी भी थोड़ा मुनाफा कमा कर ही खुश है.
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