Petrol-Diesel News: पेट्रोल पंप पर ईंधन की ठगी से बचने के लिए उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की जरूरत है. उपभोक्ताओं को पेट्रोल पंप के जरिए ठगी का शिकार होने पर अधिकार का भी पता होना चाहिए. उज्जैन जिले में पिछले 12 महीनों के दौरान पेट्रोल पंप की जांच करने पर 2 दर्जन से अधिक गड़बड़ी निकली. कई पेट्रोल पंपों पर मिलावटी ईंधन बेचने और उपभोक्ताओं को कम पेट्रोल, डीजल के आरोप सही पाए गए.
ग्राहकों को सतर्कता पेट्रोल पंप पर होने वाली ठगी से बचा सकती है
उज्जैन के खाद्य नियंत्रक मोहन मारु के मुताबिक ग्राहकों को सतर्कता पेट्रोल पंप पर होने वाली ठगी से बचा सकती है. आमतौर से पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों को सावधानीपूर्वक ईंधन भरवाना चाहिए. सबसे पहले ग्राहकों को मशीन पर निगाह रखते हुए 0 से शुरू होने वाली काउंटिंग को ध्यान से देखें. शंका होने पर कई उपकरणों की सहायता से भी क्वालिटी और क्वॉन्टिटी चेक की जा सकती है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक पेट्रोल पंप पर 5 लीटर का माप रखा जाता है. ग्राहक को शक होने पर माप में 5 लीटर पेट्रोल या डीजल डलवा कर क्वांटिटी चेक की जा सकती है.
लिटमस पेपर के जरिए की जा सकती है पेट्रोल गुणवत्ता की जांच
अगर क्वालिटी पर शक हो तो पेट्रोल या डीजल की डेंसिटी चेक करने के साथ लिटमस पेपर से भी गुणवत्ता को जांचा जा सकता है. लिटमस पेपर पर पेट्रोल की बूंदे डाली जाएं और कुछ देर बाद पेट्रोल पूरी तरह गायब हो जाए तो गुणवत्ता ठीक है, वरना धब्बा दिखाई देने पर पेट्रोल में मिलावट की आशंका बन सकती है. खाद्य नियंत्रक मोहन मारु ने कहा कि ग्राहक को पेट्रोल पंप संबंधी शिकायत होने पर सीएम हेल्पलाइन 181 की मदद ली जा सकती है. गुणवत्ता या माप संबंधी शिकायत है तो प्रत्येक जिले में फूड कंट्रोलर या नाप तौल विभाग से संपर्क साधा जा सकता है. इन माध्यमों से बायोडीजल पंप की शिकायतें भी शामिल हैं.
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