Ujjain News: उज्जैन में आज भी भगवान श्री कृष्ण को शीत ऋतु के दौरान गर्म कपड़े पहनाए जाते हैं. भगवान श्री कृष्ण के साथ बलराम और सुदामा के भी दर्शन होते हैं. आज से 5266 साल पहले भगवान श्री कृष्ण शिक्षा ग्रहण करने के लिए उज्जैन में गुरु सांदीपनि के आश्रम पहुंचे थे. गुरु सांदीपनि के वंशज पंडित रूपम व्यास के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने यहां 64 दिनों में 64 कलाएं और 16 विद्या ग्रहण की थीं. भगवान श्री कृष्ण के साथ यहां बलराम और सुदामा ने भी शिक्षा ग्रहण की. जब भगवान श्री कृष्ण कंस का वध करने के बाद 11 साल 7 दिनों की उम्र में आश्रम पहुंचे थे, तब उनका बाल्यकाल ही चल रहा था. आज भी सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण के बाल्यकाल के रूप में ही पूजा होती है. यहां पर ठंड के दिनों में भगवान श्रीकृष्ण को स्वेटर पहनाया जाता है. इसके अलावा गुरु सांदीपनि को शाल ओढ़ाई जाती है.
ठंड के दिनों में भगवान को लगाई जाती है अंगीठी
भगवान श्री कृष्ण के साथ यहां सुदामा और बलराम की भी प्रतिमाएं हैं. ये मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है. यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और भगवान श्री कृष्ण के साथ-साथ गुरू सांदीपनि के अलावा बलराम का भी आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. महर्षि गुरु सांदीपनि के आश्रम में ठंड के दिनों में भगवान श्री कृष्ण और बलराम की प्रतिमाओं के आगे अंगीठी लगाई जाती है. इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण को हल्दी, औषधि से स्नान भी कराया जाता है. ठंड के दिनों में भगवान श्री कृष्ण को सुबह लगने वाले जलपान में गर्म दूध का उपयोग होता है. इसके अलावा सुबह-शाम गर्म भोग भी लगाया जाता है.
गुरु सांदीपनि का आश्रम छात्रों के लिए आकर्षण
गुरु सांदीपनि का आश्रम छात्रों के लिए भी आस्था का केंद्र बना हुआ है. यहां बड़ी संख्या में छात्र आकर गुरु सांदीपनि का आश्रम का आशीर्वाद लेते हैं. भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली पर कई नौनिहाल भी अभिभावकों के साथ अपनी पढ़ाई शुरू करने से पहले भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं.
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