Ujjain News: उज्जैन में पुण्य सलिल शिप्रा नदी के शुद्धिकरण को लेकर एक बार फिर साधु-संतों ने आवाज बुलंद कर दी है. निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर ज्ञान दास महाराज ने आज उज्जैन जिला प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए अन्न त्याग दिया. महामंडलेश्वर ज्ञान दास महाराज ने बताया कि उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है. शिप्रा नदी में सीवेज का पानी मिल रहा है. इसके अलावा शुद्धिकरण को लेकर केवल कागजों पर ही करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इसलिए जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगे.


सिंहस्थ महापर्व के पहले ही साधु संतों ने जाहिर की मंशा


गौरतलब है कि शिप्रा नदी के किनारे 12 साल में सिंहस्थ का मेला लगता है. साधु संत हमेशा प्रदूषित जल को लेकर चिंता जताते आए हैं. बरसात में भी शिप्रा नदी के आसपास के नाले उफन कर नदी में मिल जाते हैं. उज्जैन नगर निगम हर बार नालों को रोकने का प्रयास करता है, लेकिन सफलता नहीं मिल पाती है. इस बार सिंहस्थ महापर्व के पहले ही साधु संतों ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है.


शिप्रा नदी में प्रदूषण के मामले पर कलेक्टर ने दिया भरोसा


मामले में कलेक्टर आशीष सिंह ने ठोस कदम उठाए जाने का आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया कि शिप्रा नदी के प्रदूषण को लेकर हमेशा जिला प्रशासन गंभीर रहा है. शिप्रा नदी का प्रदूषण काफी हद तक सुधारा जा चुका है. इसके अलावा टाटा प्रोजेक्ट का अभी भी काम चल रहा है. प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद शिप्रा नदी में प्रदूषित जल नहीं मिल पाएगा. इसे लेकर ठोस रणनीति पहले ही बनाई जा चुकी है. 


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