Mukhyamantri Awasiya Bhu Adhikar Yojana: उज्जैन में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना शुरू की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर प्लॉट पात्र परिवारों को उपलब्ध कराया जाएगा. कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि योजना का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों को मिलेगा और आवास का सपना भी साकार होगा. प्लॉट के माध्यम से नागरिकों को आवास ऋण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी. केन्द्र और राज्य की आवासीय योजनाओं का हितग्राहियों को वास्तविक रूप से लाभ प्रदान होगा. कलेक्टर के मुताबिक योजना के प्रयोजन के लिये परिवार से अभिप्रेत है कि पति, पत्नी और उनके अविवाहित पुत्र-पुत्री. आवंटन के लिए प्लॉट का अधिकतम क्षेत्रफल 60 वर्गमीटर रहेगा.


योजना का लाभ के लिए ऐसे आवेदक आवेदक पात्र नहीं होंगे, जिनके परिवार के पास स्वतंत्र रूप से रहने के लिये आवास है, आवेदक परिवार के पास पांच एकड़ से अधिक भूमि है, आवेदक परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुकान से राशन प्राप्त करने के लिये पात्रता पर्ची धारित नहीं करता है, आवेदक परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता है, आवेदक परिवार का कोई भी सदस्य शासकीय सेवा में है और आवेदक का नाम उस ग्राम में जहां वह आवासीय प्लॉट चाहता है दिनांक एक जनवरी 2021 को प्रचलित मतदाता सूची में दर्ज नहीं है.


आवेदन करने के लिये वही आवेदक परिवार पात्र होंगे जो संबंधित ग्राम के निवासी हों. आवेदक को इस योजना के अन्तर्गत आवासीय प्लॉट प्राप्त करने के लिये ऑनलाइन SAARA पोर्टल के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करना होगा. उक्त प्रस्तुत आवेदन संबंधित ग्राम पंचायत के सचिव और पटवारी के जरिए परीक्षण कर तहसीलदार को प्रेषित किया जायेगा. प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार प्रारम्भिक परीक्षण कर पात्र/अपात्र आवेदकों की ग्रामवार सूची तैयार की जायेगी. संबंधित ग्राम निवासियों को 10 दिवस में आपत्तियां या सुझाव आमंत्रित करने के लिये सूची प्रकाशित की जायेंगी. इसकी सूचना चौपाल, गुढ़ी, चावड़ी आदि सार्वजनिक स्थलों पर और ग्राम पंचायत कार्यालयों में चस्पा की जायेगी.


समयावधि में प्राप्त आपत्ति एवं सुझाव आदि के परीक्षण के बाद तहसीलदार पात्र/अपात्र आवेदकों की सूची तैयार कर संबंधित ग्रामसभा के अभिमत के लिये प्रेषित की जायेगी. अभिमत प्राप्त होने पर विधिवत परीक्षण कर तहसीलदार के जरिए पात्र आवेदकों को प्लॉट आवंटन हेतु आदेश पारित किया जायेगा. भूखण्ड आवंटन के लिये कोई प्रीमियम देय नहीं होगा और मप्र भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के तहत आवंटित भूखण्ड पर भू-राजस्व का निर्धारण किया जाएगा.


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