Mahakal Corridor: उज्जैन दोरे पर सबसे पहले भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेंगे पीएम मोदी, जानें- पूरा शेड्यूल?
Madhya Pradesh News: पीएम मोदी के उज्जैन दौरे को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम का हेलीकॉप्टर शाम 5 बजे लैंड करेगा. पीएम के स्वागत की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है.
PM Modi Ujjain Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीके उज्जैन दौरे को लेकर अंतिम रूप से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सरकार की ओर से प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं. पीएम मोदी सबसे पहले भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेंगे, इसके बाद वे दो अन्य कार्यक्रमों में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर प्रमुख रूप से जिम्मेदारी निभा रहे शिवराज सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री का हेलीकॉप्टर शाम करीब 5 बजे उज्जैन में लैंड करेगा.
क्या रहेगा शेड्यूल?
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री सबसे पहले महाकाल मंदिर पहुंचेंगे और भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेंगे. इसके बाद महाकाल लोक का उद्घाटन होगा. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर व्यापक तैयारियां की गई है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल लोक का उद्घाटन करने के बाद साधु संतों से मुलाकात भी करेंगे. इसके लिए मध्य प्रदेश के प्रमुख साधु सत उज्जैन पहुंच रहे हैं. 11 अक्टूबर को पीएम उज्जैन के कार्तिक मेला ग्राउंड में आम सभा को भी संबोधित करेंगे. इसके बाद पीएम हवाई मार्ग से वापस लौटेंगे या फिर सड़क मार्ग से जाएंगे, इसे लेकर अभी औपचारिक रूप से जानकारी नहीं मिल पाई है.
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मध्य प्रदेश में साल 2023 में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. इसे लेकर यह भी कहा जा रहा है कि उज्जैन के विकास को मध्यप्रदेश के सामने मॉडल के रूप में रखा जाएगा. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर के धार्मिक स्थलों पर विकास कार्य हुए हैं. उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम, वाराणसी सहित देश के कई धार्मिक नगरों में ऐतिहासिक विकास कार्य किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गर्भ गृह में पूजा तो करेंगे लेकिन भगवान महाकाल का जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे. पंडित राम गुरु के मुताबिक शाम 5 बजे के बाद मंदिर में जल, दूध, दही नहीं चढ़ाया जाता है. इसी वजह से शाम 5 बजे के बाद आने वाले श्रद्धालु जलाभिषेक नहीं कर सकते हैं. यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है.
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