Ujjain News: रबी की फसल में सिंचाई के लिए रात में बिजली दिए जाने का शेड्यूल सामने आने के बाद किसानों में आक्रोश है. किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने मध्य प्रदेश पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के महाप्रबंधक को शेड्यूल चेंज करने का प्रस्ताव भी भेजा है. रबी की फसल में सिंचाई की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है और सिंचाई के लिए बिजली होना बेहद आवश्यक है. वर्तमान समय में किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली दी जा रही है. भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री भारत सिंह बैस ने बताया कि पिछले साल विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिन के समय 6 घंटे बिजली दी जा रही थी और रात्रि के समय 4 घंटे बिजली दिए जाने का शेड्यूल था. इस बार 7 घंटे रात्रि में दी जा रही है, जबकि महज 3 घंटे ही दिन में बिजली सप्लाई की जा रही है. इस शेड्यूल का किसान विरोध करते हैं.
भारतीय किसान संघ के बैनर तले विगत दिवस उज्जैन के 240 फीडर पर प्रदर्शन किया गया था. इसके बाद उज्जैन के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के महाप्रबंधक अमित पवार तक किसानों की मांग पहुंचाई थी. बुधवार को किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने महाप्रबंधक से भी बिजली का शेड्यूल बदले जाने की मांग की है. इस संबंध में किसानों प्रतिनिधियों ने महाप्रबंधक को प्रस्ताव भी सौंपा है.
किसानों को होने वाली दिक्कत
रात्रि के समय अधिक बिजली दिए जाने से किसानों के सामने तमाम परेशानियां खड़ी हो रही है. सर्द रात होने की वजह से किसानों को पानी के बीच रहना पड़ता है. इससे स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है. इसके अलावा रात्रि के समय जानवरों का खतरा भी बना रहता है, इतना ही नहीं रात्रि में करंट का भय भी बना रहता है.
किसानों की मांग क्या है?
उज्जैन के समय पान बिहार में रहने वाले किसान जगदीश के मुताबिक दिन के समय परिवार के और भी लोग सिंचाई का कार्य कर लेते हैं लेकिन रात्रि के समय परिवार के अन्य सदस्य सिंचाई का कार्य नहीं कर पाते हैं. कई बार तकनीकी खराबी की वजह से बिजली गुल रहती है रात्रि में जागकर बिजली आने का इंतजार करना पड़ता है, जबकि दिन में काम आसान हो जाता है, इसलिए सुबह 6 से 12 बजे तक बिजली दिए जाने का पिछले साल जैसा शेड्यूल लागू किया जाना चाहिए.
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